उमरिया। जिले के बिरसिंहपुर पाली में आलीशान अस्पताल भवन बन गए हैं, पर अस्पताल में यदि किसी की मौत हो जाए तो शव को ले जाने के लिए वाहन तक नहीं है. जिसके चलते शव को पोस्टमार्टम के लिए कचरा वाहन में ले जाया जाता है, जबकि प्राइवेट वाहन मालिक भी मनमानी किराया वसूलते हैं.
बिरसिंहपुर में बना करोड़ों का ये अस्पताल पिछली सरकार में बना दिया गया था, पर सुविधाओं के नाम पर अब तक कुछ भी नहीं है. शहर के युवा लगातार शव वाहन के अलावा भी अन्य सुविधाओं के लिए ज्ञापन देते रहे हैं, पर जिम्मेदारों के कान पर जूं तक नहीं रेंगी.
जिम्मेदारों की बात करें तो मात्र आश्वासन दे देते हैं. जब बीएमओ वीके जैन से बात की गई तो उन्होंने कहा कहा कि शासन से मांग की गई है, लेकिन अब तक शव वाहन की व्यवस्था नहीं हो पाई है. वहीं शहडोल कमिश्नर आरबी प्रजापति ने भी केवल आश्वासन देते नजर आए.
मानवता शर्मसार करती ये तश्वीरें सरकारों और राजनीतिक दलों के मुंह पर तमाचा जड़ रही हैं. इलाके की विधायक पिछली सरकार में मंत्री भी रह चुकी हैं, पर उनका काम चमचमाती इमारतों के अलावा जमीन पर नजर नहीं आ रहा है. साथ ही ऐसी तश्वीर वर्तमान सरकार के 'वक्त है बदलाव' के नारे को झुठला रही है.