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प्राचीन माता बिरासिनी मंदिर की हालत जर्जर, प्रशासन नहीं दे रहा ध्यान - बिरासिनी मंदिर के पत्थर टूटे

उमरिया में बिरसिंहपुर पाली का प्राचीन माता बिरासिनी मंदिर का छज्जा और दीवारों पर लगे संगमरमर के पत्थर टूटकर नीचे गिर रहे हैं. मंदिर की हालत जर्जर होती दिख रही है. वहीं प्रशासन मंदिर की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है.

condition of ancient Mata Birasini temple is getting worst
प्राचीन माता बिरासिनी मंदिर की हालत जर्जर
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Published : Jun 13, 2020, 8:49 PM IST

उमरिया। बिरसिंहपुर पाली का प्राचीन माता बिरासिनी मंदिर जर्जर हालत में पहुंच गया है. जहां मंदिर की छत टूटती जा रही है, दीवारों में लगे संगमरमर के पत्थर टूटकर नीचे गिर रहे हैं. लेकिन प्रशासन और मंदिर संचालन समिति का इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं है.

मंदिर के पुजारी गोपाल ने बताया कि मंदिर की जर्जर होने की जानकारी पूर्व कलेक्टर सहित स्थानीय अधिकारियों को दी गई थी. लेकिन इसके बाद भी कोई पहल नहीं की जा रही. स्थानीय लोगों की मांग है कि जल्द ही मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जाए. वहीं बीते दिन अल्प प्रवास के दौरान नगर में पहुंची प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री और स्थानीय विधायक मीना सिंह ने जल्द ही मंदिर का काम कराने की बात कही है. बता दें कि मंदिर संचालन समिति के संरक्षक जिला कलेक्टर, एसडीएम, सचिव, तहसीलदार और अन्य जिम्मेदार विभाग प्रमुख सदस्य होते हैं.

अति प्राचीन है माता बिरासिनी का मंदिर, लोगों की जुड़ी हैं आस्था

बताया जाता है कि माता बिरासिनी मंदिर अति प्राचीन हैं. माता ने सैकड़ों वर्ष पूर्व पाली निवासी धौकल पंडा को सपने में कहा था कि मैं एक खेत में हूं, मेरी प्रतिमा को नगर के बीचो-बीच स्थापित करो. तब धौकल पंडा ने एक पेड़ के नीचे मडुलिया बनाकर माता की प्रतिमा को विराजमान कराया था. जिसके बाद नगर के राजा बीर सिंह ने भव्य मंदिर का निर्माण कराकर माता की प्रतिमा की स्थापना की थी.

30 साल पहले हुआ मंदिर का नवीनीकरण

प्राचीन माता बिरासिनी मंदिर का नवीनीकरण करीब 30 साल पहले कालरी प्रबंधन ने कराया था. जिसकी देखरेख स्थानीय लोगों के द्वारा की जाती रही है. लेकिन जबसे मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन के हाथों में आई तो हालात बिगड़ते गए. जबकि जिम्मेदार अधिकारी यहां आते रहते हैं लेकिन किसी का भी मंदिर की तरफ ध्यान नहीं जा रहा है.

उमरिया। बिरसिंहपुर पाली का प्राचीन माता बिरासिनी मंदिर जर्जर हालत में पहुंच गया है. जहां मंदिर की छत टूटती जा रही है, दीवारों में लगे संगमरमर के पत्थर टूटकर नीचे गिर रहे हैं. लेकिन प्रशासन और मंदिर संचालन समिति का इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं है.

मंदिर के पुजारी गोपाल ने बताया कि मंदिर की जर्जर होने की जानकारी पूर्व कलेक्टर सहित स्थानीय अधिकारियों को दी गई थी. लेकिन इसके बाद भी कोई पहल नहीं की जा रही. स्थानीय लोगों की मांग है कि जल्द ही मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जाए. वहीं बीते दिन अल्प प्रवास के दौरान नगर में पहुंची प्रदेश सरकार की कैबिनेट मंत्री और स्थानीय विधायक मीना सिंह ने जल्द ही मंदिर का काम कराने की बात कही है. बता दें कि मंदिर संचालन समिति के संरक्षक जिला कलेक्टर, एसडीएम, सचिव, तहसीलदार और अन्य जिम्मेदार विभाग प्रमुख सदस्य होते हैं.

अति प्राचीन है माता बिरासिनी का मंदिर, लोगों की जुड़ी हैं आस्था

बताया जाता है कि माता बिरासिनी मंदिर अति प्राचीन हैं. माता ने सैकड़ों वर्ष पूर्व पाली निवासी धौकल पंडा को सपने में कहा था कि मैं एक खेत में हूं, मेरी प्रतिमा को नगर के बीचो-बीच स्थापित करो. तब धौकल पंडा ने एक पेड़ के नीचे मडुलिया बनाकर माता की प्रतिमा को विराजमान कराया था. जिसके बाद नगर के राजा बीर सिंह ने भव्य मंदिर का निर्माण कराकर माता की प्रतिमा की स्थापना की थी.

30 साल पहले हुआ मंदिर का नवीनीकरण

प्राचीन माता बिरासिनी मंदिर का नवीनीकरण करीब 30 साल पहले कालरी प्रबंधन ने कराया था. जिसकी देखरेख स्थानीय लोगों के द्वारा की जाती रही है. लेकिन जबसे मंदिर की देखरेख की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन के हाथों में आई तो हालात बिगड़ते गए. जबकि जिम्मेदार अधिकारी यहां आते रहते हैं लेकिन किसी का भी मंदिर की तरफ ध्यान नहीं जा रहा है.

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