उमरिया। जिला मुख्यालय के रानी दुर्गावती चौक पर पुलिस लगातार चेकिंग कर रही है, और लोगों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करवा रही है, इसी दौरान कोतवाली प्रभारी आर एस मिश्रा और कोतवाली पुलिस ने तामन्नारा गांव में एक वाहन को रोका जिसमें शीशे पर काली फिल्म लगी थी. जिसके खिलाफ पुलिस ने केंद्रीय मोटरयान अधिनियम की धारा 100/177 के तहत कार्रवाई की.
शाम 7 बजे वाहन क्रमांक MP20 CH1898 के चालक को रोककर कार में लगी ब्लैक फिल्म को मौके से हटाया, वाहन चालक के खिलाफ केंद्रीय मोटर यान अधिनियम की धारा 100/177 के तहत कार्रवाई कर मामले को विवेचना में लिया.
- यह है सुप्रीम कोर्ट का नियम
सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने 27 अप्रैल 2013 को फोर व्हीलर पर हर तरह की काली फिल्म पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया था. वाहन निर्माताओं की ओर से लगे कांच को ही मान्य किया, इसके पहले सेंट्रल मोटर व्हीकल्स एक्ट 1989 की धारा 100 (2) के अनुसार, काले वाहनों में सामने और पीछे के शीशे में 70 फीसदी तक और खिड़कियों में 40 फीसदी तक पारदर्शिता होनी चाहिए.
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- ऐसे वाहन मालिकों पर हो रही कार्रवाई
पुलिस का कहना है कि अगर किसी भी कार के कांच पर ब्लैक फिल्म दिखाई देती है. तो सबसे पहले उसे रोककर उसकी तलाशी ली जाती है और मौके पर ही ब्लैक फिल्म को कांच से निकाला जाता है. इसके अलावा कार चालक से जुर्माना भी वसूल किया जाता है.
- ब्लैक फिल्म पर इसलिए है प्रतिबंध
दुष्कर्म और अपहरण जैसी घटनाओं में काले कांच वाली कार के अधिक उपयोग होने का मामला अक्सर सामने आता है. आतंकी प्रवृत्तियों और हथियारों की तस्करी सहित गंभीर मामलों को रोकने के लिए कारों से ब्लैक फिल्म को हटाना जरूरी था. इसे ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ब्लैक फिल्म हटाने का निर्देश दिया था.