उमरिया। दोनों बाघों को वन विहार शिफ्ट करने के लिए लंबे समय से अनुमति मांगी जा रही थी. अनुमति मिलने के पश्चात दोनों बाघों को वन विहार भोपाल रवाना कर दिया गया है. दोनों ही बाघों की स्थिति असामान्य थी और उन्हें जंगल में नहीं छोड़ा जा सकता था. यही कारण है कि उन्हें वन विहार भोपाल शिफ्ट किया गया है. बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के डिप्टी डायरेक्टर पीके वर्मा ने बताया कि पतौर एवं मानपुर परिक्षेत्र से दो बाघों को पार्क प्रबंधन ने पहले रेस्क्यू कर बाड़े में छोड़ा था. Two tigers shift in Van Vihar
दोनों बाघों के स्वाभाव का अध्ययन : इसके बाद दोनों बाघों के व्यवहार का अध्ययन करने के बाद वन विहार भोपाल भेजा गया. प्रबंधन की मानें तो दोनों बाघ अब जंगल में सर्वाइव करने योग्य नहीं हैं. लिहाजा, इन्हें जू में रखना ही उचित होगा. जिन दो बाघों को वन विहार भोपाल शिफ्ट किया गया है, उनमें से एक बाघ को मार्च में जंगल में छोड़ा गया था. जंगल में छोड़े जाने के बाद यह बाघ शिकार नहीं कर रहा था, जिससे इसकी स्थिति जंगल में रहने लायक नहीं थी. रेडियो कॉलर के साथ इस बाघ को खुले जंगल में छोड़ा गया था, जहां इस पर दूसरे बाघ ने हमला कर दिया था. Two tigers shift in Van Vihar
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दोनों बाघ जंगल में रहने लायक नहीं : घायल अवस्था में इस बाघ को वापस इंक्लोजर में लाकर रख दिया गया था. तब से यह बाघ इंक्लोजर में ही था. जबकि दूसरा बाघ मनुष्य को देखते ही हमला कर रहा था, जिससे उसे जंगल में छोड़ना उचित प्रतीत नहीं हो रहा था. टाइगर रिजर्व में दोनों बाघों को मगधी जोन के बहेराहा इंक्लोजर में रखा गया था. दोनों बाघों में से एक को पतौर तो दूसरे को मानपुर के मझखेता से रेस्क्यू किया गया था. दोनों बाघ जंगल में रहने के अनुकूल नहीं पाए गए. बता दें कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र बाघों के लिए प्रसिद्ध है. यहां इनकी संख्या बढ़ती हुई देखी जा रही है. Two tigers shift in Van Vihar