उमरिया। माधुरी सिंह ने बताया कि उनके गांव की कई महिलाएं अगहन के पूरे महीने में बड़ी तैयार करती हैं और फिर उसे पैक करके बेचती हैं. इससे उन्हें अच्छी-खासी कमाई भी हो जाती है. इस काम में ग्रामीण क्षेत्र की कई महिलाएं जुटी हुई हैं. चूंकि यह बड़ी मेहनत भरी प्रक्रिया से तैयार होती है तो लोग इसे बना बनाया खरीदना पसंद करने लगे हैं. फेद कुम्हड़ा से तैयार होने वाली बड़ी में तेज मसालों का उपयोग किया जाता है.
कई मशालों से करते हैं तैयार : माधुरी सिंह ने बताया कि इसमें उड़द की दाल, लहसुन, अदरक, हरी मिर्च, हींग सहित बहुत से मसाले डालकर बड़ी तैयार की जाती है. अदरक, लहसुन, हींग, हरी मिर्च, जैसे औषधीय मसालों का उपयोग होने के कारण बड़ी सर्दी के मौसम में दवा का काम करती है. डॉ. सदानन्द जोशी बताते हैं कि कुम्हड़ा बड़ी के उपयोग से खून पतला होता है और कोलेस्ट्रॉल की समस्या भी कम हो जाती है. गर्म तासीर होने के कारण सर्दी में होने वाली व्याधियों से यह रक्षा करती है.
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सफेद कुम्हड़ा से होती है तैयार : पेठा, कद्दू से थोड़ा छोटा सफेद रंग का फल होता है. इसके कच्चे फल से सब्जी और पके हुए फल से हलवा और पेठा मिठाई (मुरब्बा) बनाई जाती है. इसका लेटिन नाम बेनिनकासा हिष्पिड़ा है. डॉ. सदानन्द जोशी बताते हैं कि कुम्हड़ा पोषक तत्वों का खजाना है. इसमें कैल्शियम, मैग्नीशियम, फास्फोरस, आयरन, जिंक बहुत से तत्व पाए जाते हैं. आयुर्वेद में भी इसके बेहद उपयोगी होने की बात कही गई है. इससे बनी सब्जी बीमार व्यक्ति को भी खाने के लिए दी जा सकती है, क्योंकि यह एक हल्का आहार होता है, जो आसानी से पच जाता है.