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बैगा बस्ती में हवा-हवाई 'विकास', न बिजली न पानी न सड़क, कंधों पर जाना पड़ता है अस्पताल

सरकारें भले विकास के लाख दावे कर लें, लेकिन ग्राउंड जीरो पर हालात सुधर ही नहीं पाते. बात जब ग्रामीण क्षेत्रों की हो तो सफाई के लिए सब के पास जवाब होता है, लेकिन जब शहरी क्षेत्रों में ही विकास अपने साथ मूलभूत सुविधाएं ना ला पाए तो आश्चर्य होता है. ऐसा ही कुछ हाल है, उमरिया जिले के बिरसिंहपुर पाली नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड नं. 4 का..

Baiga families living in lack of basic facilitie in Birsinghpur Pali of umaria
सुविधाओं के अभाव में बैगा बस्ती
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Published : Nov 5, 2020, 10:07 PM IST

Updated : Nov 5, 2020, 10:16 PM IST

उमरिया। बिरसिंहपुर पाली नगर पालिका का वार्ड नंबर चार, जहां सरकार के विकास के दावे दम तोड़ते नजर आ रहे हैं. यदि आपके मन मे कौतुहुल हो कि क्या नगरीय क्षेत्र की स्थिति भी इतनी दयनीय होती होगी, तो एक बार बिरसिंहपुर पाली के वार्ड नंबर चार के बारे में एक बार जरूर जान लें. इस बस्ती में लगभग 40 बैगा परिवार निवास करते हैं, लेकिन शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं से आज भी ये लोग वंचित है. देश की सबसे पिछड़ी हुई और विलुप्त होती कगार पर सरक रही बैगा जनजाति के ये 40 परिवार यहां आज भी दसको पुरानी शैली का जीवन जीने को मजबूर हैं.

सुविधाओं के अभाव में बैगा बस्ती
सड़क जैसी मूलभूत सुविधा का आभाव

बस्ती तक पहुंचने वाला मार्ग ऊबड़ खाबड़ व दुर्गम है. रात के अंधेरे में वार्ड से बाहर निकलना या वार्ड में आना काफी मुश्किल भरा काम है. वैसे तो चार कंधो का सहारा जीवन की अंतिम यात्रा में लेना पड़ता है, पर इस वार्ड में बिना चार कंधो के कोई बीमार अस्पताल तक नहीं पहुंच पाता. क्यों की इस बस्ती तक पगड़ंडी के अलावा कोई पक्की सड़क ही नहीं है. बरसात में तो घरों से निकलना असंभव हो जाता है, यही कारण की ईलाज के अभाव में यहां कई प्रसूताओ ने दम तोड़ दिया है.

बस्ती के कई घरों में नही पहुंची बिजली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश के हर घर तक बिजली पहुंचाने के लिए सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) लांच की थी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के तहत घर घर बिजली देने का प्लान बनाया, लेकिन दिल्ली और भोपाल में बनी ये योजनाए सायद यहां पहुच ही नहीं पाई. बिरसिंहपुर पाली के वार्ड नंबर चार की बैगा बस्ती में आज भी पढ़ने के लिए बेटियों को चिमनी का सहारा लेना पड़ रहा है.

नहीं मिला PM आवास योजना का लाभ

एक गरीब की आस रोटी, कपड़ा और मकान से ज्यादा और क्या होगी. लेकिन बिरसिंहपुर पाली के वार्ड नम्बर 04 की बैगा बस्ती के लोगों के लिए यह भी दूर की कैड़ी है. दिनभर की मेहनत मजदूरी से थक जब यहां के लोग घर पहुचते हैं को सुकून की नीद के लिए इनके पास इनकी झोपड़ी के शिवा कुछ भी नहीं होता. क्योकी यहां के 40 परिवारों में से केवल एक ही परिवारक को अभी तक प्रधानमंत्री की आवास योजना का लाभ मिल पाया है. ऐसे में बाकी के परिवार सालों से ठंडी,गर्मी और बरसात की मार झेल रहे हैं.

स्कूल और आगनबाड़ी भी काफी दूर

बैगा बस्ती से आंगनबाड़ी और विद्यालय काफी दूर हैं. आंगनबाड़ी की दूरी काफी होने के कारण बच्चे आंगनबाड़ी नहीं जा पाते. साथ ही महिलाओं को महिला एवं बाल विकास विभाग की चल रही तमाम योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता. दुर्गम पहुंच मार्ग होने के कारण यहां के बच्चे कई बार तो स्कूल तर नहीं पहुंच पाते.

बिना सुविधाओं के टैक्स की मार

बिरसिंहपुर पाली नगर पालिका के आला अधिकारियों भले ही अपनी नैतिक जिम्मेदारी से कोसो दूर हो. पर वार्ड नंबर 4 में टैक्स के फरमान भेजना नहीं भूलते हैं. इस कारण यहां के लोगों में काफी रोष भी है.

मंत्री की सफाई सरकार की योजनाओं का बढ़ाई

बैगा बस्ती की इस समस्या को लेकर जब ईटीवी भारत ने सूबे की आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह से बात की तो वह सरकार के योजनाओं का बखान करते नहीं थकी और अंत में वहीं नेताओं वाला आश्वाशन एक बार फिर हाथ लगा.

कलेक्टर ने दिया समस्या निराकरण का भरोसा

जब इस समस्या को लेकर ईटीवी भारत कलेक्टर के पास पहुंचा तो उन्होंने बस्ती की तमाम समस्याओं के लिए सीएमओं को निर्देश देने की बात कही. साथ ही उन्होंने माना की अब तक बैगा बस्ती के लिए विकास का रास्ता न खुल पाना दुर्भाग्य की बात है.

दिहाड़ी मजदूरी और लकड़ी बेच कर करते हैं जीवन यापन

यहां रहने वाले बैगाओं का मुख्य व्यवसाय लकड़िया संग्रहित कर उसे बेचना और पाली की दुकानों में दिहाड़ी मजदूरी करना है. वैसे तो कागजों में बैगा जनजाति विशेष पिछड़ी जनजाति में आती है, इसके लिए बैगा विकास प्राधिकरण और बहुत सी योजनाएं बनाई गई हैं पर इनका लाभ बैगाओं को नहीं मिल पा रहा है. अब देखना होगा की मंत्री और कलेक्टर के आश्वासन के बाद यहां विकास कब हो पाता है.

उमरिया। बिरसिंहपुर पाली नगर पालिका का वार्ड नंबर चार, जहां सरकार के विकास के दावे दम तोड़ते नजर आ रहे हैं. यदि आपके मन मे कौतुहुल हो कि क्या नगरीय क्षेत्र की स्थिति भी इतनी दयनीय होती होगी, तो एक बार बिरसिंहपुर पाली के वार्ड नंबर चार के बारे में एक बार जरूर जान लें. इस बस्ती में लगभग 40 बैगा परिवार निवास करते हैं, लेकिन शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं से आज भी ये लोग वंचित है. देश की सबसे पिछड़ी हुई और विलुप्त होती कगार पर सरक रही बैगा जनजाति के ये 40 परिवार यहां आज भी दसको पुरानी शैली का जीवन जीने को मजबूर हैं.

सुविधाओं के अभाव में बैगा बस्ती
सड़क जैसी मूलभूत सुविधा का आभाव

बस्ती तक पहुंचने वाला मार्ग ऊबड़ खाबड़ व दुर्गम है. रात के अंधेरे में वार्ड से बाहर निकलना या वार्ड में आना काफी मुश्किल भरा काम है. वैसे तो चार कंधो का सहारा जीवन की अंतिम यात्रा में लेना पड़ता है, पर इस वार्ड में बिना चार कंधो के कोई बीमार अस्पताल तक नहीं पहुंच पाता. क्यों की इस बस्ती तक पगड़ंडी के अलावा कोई पक्की सड़क ही नहीं है. बरसात में तो घरों से निकलना असंभव हो जाता है, यही कारण की ईलाज के अभाव में यहां कई प्रसूताओ ने दम तोड़ दिया है.

बस्ती के कई घरों में नही पहुंची बिजली

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश के हर घर तक बिजली पहुंचाने के लिए सहज बिजली हर घर योजना (सौभाग्य) लांच की थी, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी मुख्यमंत्री जनकल्याण (संबल) योजना के तहत घर घर बिजली देने का प्लान बनाया, लेकिन दिल्ली और भोपाल में बनी ये योजनाए सायद यहां पहुच ही नहीं पाई. बिरसिंहपुर पाली के वार्ड नंबर चार की बैगा बस्ती में आज भी पढ़ने के लिए बेटियों को चिमनी का सहारा लेना पड़ रहा है.

नहीं मिला PM आवास योजना का लाभ

एक गरीब की आस रोटी, कपड़ा और मकान से ज्यादा और क्या होगी. लेकिन बिरसिंहपुर पाली के वार्ड नम्बर 04 की बैगा बस्ती के लोगों के लिए यह भी दूर की कैड़ी है. दिनभर की मेहनत मजदूरी से थक जब यहां के लोग घर पहुचते हैं को सुकून की नीद के लिए इनके पास इनकी झोपड़ी के शिवा कुछ भी नहीं होता. क्योकी यहां के 40 परिवारों में से केवल एक ही परिवारक को अभी तक प्रधानमंत्री की आवास योजना का लाभ मिल पाया है. ऐसे में बाकी के परिवार सालों से ठंडी,गर्मी और बरसात की मार झेल रहे हैं.

स्कूल और आगनबाड़ी भी काफी दूर

बैगा बस्ती से आंगनबाड़ी और विद्यालय काफी दूर हैं. आंगनबाड़ी की दूरी काफी होने के कारण बच्चे आंगनबाड़ी नहीं जा पाते. साथ ही महिलाओं को महिला एवं बाल विकास विभाग की चल रही तमाम योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता. दुर्गम पहुंच मार्ग होने के कारण यहां के बच्चे कई बार तो स्कूल तर नहीं पहुंच पाते.

बिना सुविधाओं के टैक्स की मार

बिरसिंहपुर पाली नगर पालिका के आला अधिकारियों भले ही अपनी नैतिक जिम्मेदारी से कोसो दूर हो. पर वार्ड नंबर 4 में टैक्स के फरमान भेजना नहीं भूलते हैं. इस कारण यहां के लोगों में काफी रोष भी है.

मंत्री की सफाई सरकार की योजनाओं का बढ़ाई

बैगा बस्ती की इस समस्या को लेकर जब ईटीवी भारत ने सूबे की आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह से बात की तो वह सरकार के योजनाओं का बखान करते नहीं थकी और अंत में वहीं नेताओं वाला आश्वाशन एक बार फिर हाथ लगा.

कलेक्टर ने दिया समस्या निराकरण का भरोसा

जब इस समस्या को लेकर ईटीवी भारत कलेक्टर के पास पहुंचा तो उन्होंने बस्ती की तमाम समस्याओं के लिए सीएमओं को निर्देश देने की बात कही. साथ ही उन्होंने माना की अब तक बैगा बस्ती के लिए विकास का रास्ता न खुल पाना दुर्भाग्य की बात है.

दिहाड़ी मजदूरी और लकड़ी बेच कर करते हैं जीवन यापन

यहां रहने वाले बैगाओं का मुख्य व्यवसाय लकड़िया संग्रहित कर उसे बेचना और पाली की दुकानों में दिहाड़ी मजदूरी करना है. वैसे तो कागजों में बैगा जनजाति विशेष पिछड़ी जनजाति में आती है, इसके लिए बैगा विकास प्राधिकरण और बहुत सी योजनाएं बनाई गई हैं पर इनका लाभ बैगाओं को नहीं मिल पा रहा है. अब देखना होगा की मंत्री और कलेक्टर के आश्वासन के बाद यहां विकास कब हो पाता है.

Last Updated : Nov 5, 2020, 10:16 PM IST
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