उमरिया। वन्य संपदा से भरे बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अक्सर जानवरों के शिकार की खबरें आ ही जाती है. वन विभाग की लगातार गश्त, सख्ती और कड़ी कार्रवाई के बावजूद ऐसे मामलों पर रोक नहीं लग पा रही है. एक बार फिर ऐसा ही मामला सामने आया है. इसमें वन विभाग के अमले ने दो शिकारियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है जबकि एक अन्य आरोपी फरार होने में कामयाब हो गया है.
करंट लगाकर किया शिकार: उमरिया के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व क्षेत्र में तीन शिकारियों ने चीतल का शिकार कर उसे मौत के घाट उतार दिया था. यहां वन परिक्षेत्र पनपथा बफर के पनपथा गांव में एक खेत के किनारे करंट लगाकर चीतल को मारा गया था. मामले की सूचना मिलते ही वन विभाग ने जांच शुरू की. पड़ताल के दौरान मुखबिर से चीतल के शिकारियों की लोकेशन मिली. इसके बाद पनपथा (बफर) परिक्षेत्र अधिकारी शील सिंधु श्रीवास्तव मौके पर पहुंचे और अपनी टीम के साथ आरोपियों की घेराबंदी कर ली.
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गेहूं के खेत में छुपाया था मांस: वन विभाग की टीम के पहुंचने की आहट मिलते ही तीनों शिकारी चौकन्ने हो गए और भागने की कोशिश करने लगे. हालांकि, दो आरोपी राजेश महोबिया और राजेंद्र महोबिया को गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली लेकिन तीसरा आरोपी रमेश महोबिया भागने में कामयाब हो गया. मौके से चीतल का मांस भी बरामद कर लिया गया. गिरफ्तार दोनों आरोपियों के विरुद्ध वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 की धारा के तहत कार्यवाही कर जेल भेज दिया गया है. तीसरे आरोपी की तलाश जारी है. बताया गया है कि फरार आरोपी रमेश महोबिया ने चीतल के मांस को घर पर उबाल कर रखा था. जैसे ही उसे कार्यवाही की भनक लगी, उसने इसे घर से निकालकर गेंहू के खेत में छिपा दिया. वन विभाग ने मौके से जीआई तार, खून से सनी कुल्हाड़ी समेत शिकार में उपयोग किया गया अन्य सामान जब्त कर लिया है.