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सीटी बस और ई-रिक्शा निगम के डिपो में खा रहे हैं 'जंग'

उज्जैन निगम के डिपो में रखी 89 सिटी बस व ई-रिक्शा अब भंगार की हालत में है. चोर बस का सामान चोरी करके ले जा रहे हैं. जबकि निगम कमिश्नर कह रहे हैं कि बसों को रिपेयर करवा लेंगे.

Whistle bus and e-rickshaw
सीटी बस और ई-रिक्शा
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Published : Jan 28, 2021, 8:41 PM IST

उज्जैन। लॉकडाउन खत्म हुए लगभग 6 महीने बीत गए हैं. लेकिन निगम की नींद अब तक नहीं खुली है. लोग आज भी आने जाने के लिए परेशान हो रहे हैं. तो वही बस ऑपरेटरों की हालत भी खस्ताहाल है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि निगम के डिपो में रखी 89 सिटी बस व ई-रिक्शा अब भंगार की हालत में है. चोर बस का सामान चोरी कर ले जा रहे हैं. जबकि निगम कमिश्नर कह रहे हैं कि बसों को रिपेयर करवा लेंगे.

सीटी बस और ई-रिक्शा

दरअसल स्मार्ट सिटी बस सिंहस्थ के नाम पर शहर के बीच आई 89 सिटी बस व 350 ई रिक्शा की हालत अगर आप देखेंगे तो शायद आपको निगम की लापरवाही पर गुस्सा आने लगेगा. 22 मार्च लॉकडाउन के दौरान से ही सिटी बस और ई रिक्शा शहर और उप नगरीय क्षेत्र में बंद हैं. उन 89 सिटी बसों में से 39 सीएनजी तो पूरी तरह खराब पड़ी है. वहीं 50 डीजल बसे 50 लाख का मेंटेनेंस मांग रही है, लेकिन निगम की यूसीटीएएल इस कंडीशन में नहीं है कि बसों को रिपेयर करवा सके. निगम जो टेंडर जारी कर रहा है रेट नहीं मिलने की वजह से निरस्त करना पड़ रहे हैं. वहीं ई रिक्शा के भी यही हाल है इंदौर की निजी कंपनी के भरोसे से सिंहस्थ में आई 350 ई रिक्शा सिंहस्थ के बाद 100 ही बची हैं और लॉक डाउन के बाद तो वो भी डिपो में सड़ रही है. बस और ई-रिक्शा दोनों के टायर चोर निकाल निकालकर घर परिवार पाल रहे हैं लेकिन निगम कमिश्नर को इसकी कोई परवाह नहीं है. पूरा स्टाफ बेसुधा है. इस मामले में क्या कह रहे हैं निगम कमिश्नर आप खुद ही सुनिए.

नगर निगम कमिश्नर क्षितिज सिंघल ने बताया कि सिटी बस को लेकर हमने टेंडर जारी किए थे लेकिन ठीक रेट नहीं मिल रहे हैं. जब बोर्ड में स्वीकृति के लिए आए गए तो उन्हें निरस्त कर दिया गया. अभी दोबारा नगरीय और उपनगरीय में 25 बसें दो क्लस्टर में चलाने के लिए हमने टेंडर जारी किए हैं अब कितना वो रिस्पांस करती है स्थिति में आती है देखना पड़ेगा.

नगर निगम कमिश्नर के मुताबिक उस हिसाब से दूसरी बसों को रिपेयर करवा कर चलाया जाएगा. वहीं सिंहस्थ में ई-रिक्शा को लेकर भी कहा कि जिसको ई-रिक्शा का काम सुपुर्द किया गया था. उस को नोटिस भेजा गया है जल्दी ही राशि जमा करवाने के लिए नहीं करने पर उस पर लीगल एक्शन लिया जाएगा. वहीं चोरी हो रहे टायरों के सवाल पर भी कमिश्नर ने एक ही जवाब दिया कि रिपेयर करवा कर बसों को चलाया जाएगा.

उज्जैन। लॉकडाउन खत्म हुए लगभग 6 महीने बीत गए हैं. लेकिन निगम की नींद अब तक नहीं खुली है. लोग आज भी आने जाने के लिए परेशान हो रहे हैं. तो वही बस ऑपरेटरों की हालत भी खस्ताहाल है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि क्योंकि निगम के डिपो में रखी 89 सिटी बस व ई-रिक्शा अब भंगार की हालत में है. चोर बस का सामान चोरी कर ले जा रहे हैं. जबकि निगम कमिश्नर कह रहे हैं कि बसों को रिपेयर करवा लेंगे.

सीटी बस और ई-रिक्शा

दरअसल स्मार्ट सिटी बस सिंहस्थ के नाम पर शहर के बीच आई 89 सिटी बस व 350 ई रिक्शा की हालत अगर आप देखेंगे तो शायद आपको निगम की लापरवाही पर गुस्सा आने लगेगा. 22 मार्च लॉकडाउन के दौरान से ही सिटी बस और ई रिक्शा शहर और उप नगरीय क्षेत्र में बंद हैं. उन 89 सिटी बसों में से 39 सीएनजी तो पूरी तरह खराब पड़ी है. वहीं 50 डीजल बसे 50 लाख का मेंटेनेंस मांग रही है, लेकिन निगम की यूसीटीएएल इस कंडीशन में नहीं है कि बसों को रिपेयर करवा सके. निगम जो टेंडर जारी कर रहा है रेट नहीं मिलने की वजह से निरस्त करना पड़ रहे हैं. वहीं ई रिक्शा के भी यही हाल है इंदौर की निजी कंपनी के भरोसे से सिंहस्थ में आई 350 ई रिक्शा सिंहस्थ के बाद 100 ही बची हैं और लॉक डाउन के बाद तो वो भी डिपो में सड़ रही है. बस और ई-रिक्शा दोनों के टायर चोर निकाल निकालकर घर परिवार पाल रहे हैं लेकिन निगम कमिश्नर को इसकी कोई परवाह नहीं है. पूरा स्टाफ बेसुधा है. इस मामले में क्या कह रहे हैं निगम कमिश्नर आप खुद ही सुनिए.

नगर निगम कमिश्नर क्षितिज सिंघल ने बताया कि सिटी बस को लेकर हमने टेंडर जारी किए थे लेकिन ठीक रेट नहीं मिल रहे हैं. जब बोर्ड में स्वीकृति के लिए आए गए तो उन्हें निरस्त कर दिया गया. अभी दोबारा नगरीय और उपनगरीय में 25 बसें दो क्लस्टर में चलाने के लिए हमने टेंडर जारी किए हैं अब कितना वो रिस्पांस करती है स्थिति में आती है देखना पड़ेगा.

नगर निगम कमिश्नर के मुताबिक उस हिसाब से दूसरी बसों को रिपेयर करवा कर चलाया जाएगा. वहीं सिंहस्थ में ई-रिक्शा को लेकर भी कहा कि जिसको ई-रिक्शा का काम सुपुर्द किया गया था. उस को नोटिस भेजा गया है जल्दी ही राशि जमा करवाने के लिए नहीं करने पर उस पर लीगल एक्शन लिया जाएगा. वहीं चोरी हो रहे टायरों के सवाल पर भी कमिश्नर ने एक ही जवाब दिया कि रिपेयर करवा कर बसों को चलाया जाएगा.

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