उज्जैन। मध्य प्रदेश सरकार में संस्कृति, पर्यटन और आध्यात्म मंत्री उषा ठाकुर मंगलवार को राज्य आनंद संस्थान (anand department) द्वारा एक वर्चुअली कार्यक्रम में शामिल हुई. इस दौरान मंत्री उषा ठाकुर (usha thakur) ने कहा कि सभी आनंदक भारतीय संस्कृति के सच्चे संवाहक हैं. उन्होंने कहा कि लोक परोपकार करना, दूसरों के दुख दूर करने के लिए तन मन धन से खड़े हो जाना और मानव के साथ-साथ जीव-जंतुओं के लिए दया-करुणा का भाव एक आनंदक का मूल स्वभाव और भारतीय मिट्टी के संस्कार हैं.
- एमपी में आनंद संस्थान
कोरोना संक्रमण (corona virus) के कारण वर्चुअली तरीके से आयोजित हो रहे यह कार्यक्रम उज्जैन और इंदौर संभाग के सभी जिलों में आयोजित हो रहे हैं. कोरोना काल में आध्यात्म विभाग(Adhyatmik Vibhag) के आनंदक कई तरीकों से लोगों का तनाव दूर करने का काम कर रहे हैं और लोगों में सकारात्मक ऊर्जा भरने में अपना योगदान दे रहे हैं. बैठक में मंत्री उषा ने आनंद संस्थान के इन प्रयासों को सराहा. साथ ही उज्जैन के उल्लेखनीय कार्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि उज्जैन के आनंद क्लब द्वारा संगीत से उपचार और तनाव को कम करने का प्रयास किया जा रहा है, यह संगीत चिकित्सा का एक हिस्सा है जो सराहनीय है.
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- क्या है आनंद संस्थान?
एमपी में प्रदेश के लोगों के भाग-दौड़ भरी जिंदगी के बीच पैदा हो रहे तनाव को दूर करने के लिए 'आनंद संस्थान' बनाए गए हैं. राज्य में 1717 आनंद संस्थान बने हैं. राज्य के कई हिस्सों में इन संस्थानों द्वारा मनोरंजन और तनाव दूर करने के लिए कई प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, इसमें भजन कीर्तन, लोक संगीत, नृत्य गायन, खेलकूद शामिल हैं. राज्य में बने इन संस्थानों में लोग मुफ्त में अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं और अपने तनाव को दूर करने के लिए इन कार्यक्रमों में शामिल हो सकते हैं.