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जिस दूध से होता है महाकाल का अभिषेक, उसमें मिला है 80 प्रतिशत पानी, खाद्य विभाग ने किया खुलासा

12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर में महाकाल को चढ़ने वाला दूध अमानक पाया गया है, खाद्य विभाग द्वारा महाकाल मंदिर के बाहर लगने वाली आठ दुकानों से शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले दूध के सैंपल लिए गए थे. इस दूध में पानी की मात्रा अधिक पाई गई थी.

महाकाल को चढ़ने वाला दूध अमानक पाया गया है
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Published : Sep 17, 2019, 11:51 PM IST

Updated : Sep 18, 2019, 2:22 AM IST

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल के अभिषेक के लिए जिस दूध का इस्तेमाल किया जा रहा है. उसमें पानी की मात्रा ज्यादा होने की वजह से उसे अमानक पाया गया है. यह जानकारी खाद्य विभाग द्वारा लिए गए दूध के सैंपल के बाद मिली है. जहां नमूनों की रिपोर्ट में दूध अमानक पाया गया है.

महाकाल को चढ़ने वाला दूध अमानक पाया गया है

31 अगस्त को खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने महाकालेश्वर मंदिर के बाहर पूजन सामग्री की आठ दुकानों से दूध के सैंपल लिए थे. ये सभी दुकानें मंदिर प्रबंधक समिति और माधव सेवा न्यास की है. जिसके बाद खाद्य विभाग ने सभी दुकानदारों को नोटिस जारी किए हैं. लेकिन यह दुकानें मंदिर प्रबंधक समिति के तहत आती हैं. जिससे महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति की व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

खाद्य अधिकारी ने बताया कि दूध की जो सैंपलिंग रिपोर्ट आई हैं. उसमें दूध में पानी काफी मात्रा में पाया गया है. हालांकि दूध में किसी प्रकार का कोई केमिकल नहीं पाया गया है. लेकिन पानी की मात्रा अधिक होने से भी शिवलिंग को नुकसान हो सकता है. महाकाल मंदिर के प्रबंधक का कहना है इस पूरे मामले की जांच होगी. उन्होंने कहा कि भले ही अभिषेक के लिए दूध महंगा हो लेकिन उसमें मिलावट नहीं होनी चाहिए.

जबकि महाकाल के दर्शनों के लिए आए भक्तों ने कहा कि अभिषेक के लिए दूध में पानी होना गलत बात है. सभी ने मांग की है कि महाकाल मंदिर के ट्रस्ट की तरफ से शुद्ध दूध का एक काउंटर अलग से खोला जाए. जबकि दूध बैच रही दुकानों की भी समय-समय पर जांच होनी चाहिए. जिससे इस तरह का मामला फिर से सामने न आए. क्योंकि यह आस्था के साथ भी खिलवाड़ है.

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में बाबा महाकाल के अभिषेक के लिए जिस दूध का इस्तेमाल किया जा रहा है. उसमें पानी की मात्रा ज्यादा होने की वजह से उसे अमानक पाया गया है. यह जानकारी खाद्य विभाग द्वारा लिए गए दूध के सैंपल के बाद मिली है. जहां नमूनों की रिपोर्ट में दूध अमानक पाया गया है.

महाकाल को चढ़ने वाला दूध अमानक पाया गया है

31 अगस्त को खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने महाकालेश्वर मंदिर के बाहर पूजन सामग्री की आठ दुकानों से दूध के सैंपल लिए थे. ये सभी दुकानें मंदिर प्रबंधक समिति और माधव सेवा न्यास की है. जिसके बाद खाद्य विभाग ने सभी दुकानदारों को नोटिस जारी किए हैं. लेकिन यह दुकानें मंदिर प्रबंधक समिति के तहत आती हैं. जिससे महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति की व्यवस्था पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.

खाद्य अधिकारी ने बताया कि दूध की जो सैंपलिंग रिपोर्ट आई हैं. उसमें दूध में पानी काफी मात्रा में पाया गया है. हालांकि दूध में किसी प्रकार का कोई केमिकल नहीं पाया गया है. लेकिन पानी की मात्रा अधिक होने से भी शिवलिंग को नुकसान हो सकता है. महाकाल मंदिर के प्रबंधक का कहना है इस पूरे मामले की जांच होगी. उन्होंने कहा कि भले ही अभिषेक के लिए दूध महंगा हो लेकिन उसमें मिलावट नहीं होनी चाहिए.

जबकि महाकाल के दर्शनों के लिए आए भक्तों ने कहा कि अभिषेक के लिए दूध में पानी होना गलत बात है. सभी ने मांग की है कि महाकाल मंदिर के ट्रस्ट की तरफ से शुद्ध दूध का एक काउंटर अलग से खोला जाए. जबकि दूध बैच रही दुकानों की भी समय-समय पर जांच होनी चाहिए. जिससे इस तरह का मामला फिर से सामने न आए. क्योंकि यह आस्था के साथ भी खिलवाड़ है.

Intro:महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंग के अभिषेक के लिए बाहर से बेचे जा रहा है दूध में ना तो क्रीम है नहीं पाउडर केवल पानी की मात्रा ज्यादा हो जाने के कारण अमानक पाया गया दूध


Body:महाकाल मंदिर में शिवलिंग के अभिषेक के लिए मंदिर के बाहर के द्वारा दूध में ना तो क्रीम है ना ही पाउडर अधिक मात्रा में तो वहां केवल पानी की बावजूद दे पानी मिला दूध यहां श्रद्धालुओं को ₹100 लीटर में बेचा जा रहा है यानी कि श्रद्धालुओं के साथ होली ठगी साथ ही शिवलिंग की सुरक्षा की अनदेखी भी की जा रही है


Conclusion:31 अगस्त को खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने महाकालेश्वर मंदिर के बाहर पूजन सामग्री की 8 दुकानों से दूध के नमूने लिए थे यह सभी दुकानों मंदिर प्रबंधक समिति और माधव सेवा न्यास की है जो किराए पर दे रखी है कि 8 दुकान के नमूने में की रिपोर्ट फेल यानी अमानत आई है इन तमाम परिस्थितियों के बीच अब जिम्मेदारों को यहां देखना होगा कि वे परंपराओं का पालन करवाते हैं वह किसी तरह से शुद्ध पूजन सामग्री मंदिर के भीतर पहुंचाने इसकी व्यवस्था कैसे करवाएगे हालांकि इनके लिए मंदिर प्रबंधन समिति से समन्वय कर शुद्ध दूध की आपूर्ति करवा सकती है फूड इंस्पेक्टर ने बताया कि शुद्ध दूध में क्रीम 4.5 सीधी और और एस एम एस यानी पाउडर की मात्रा 8.5 किसी भी होना चाहिए रिपोर्ट में क्रीम की मात्रा 1 फ़ीसदी से भी कम आई है पाउडर अमानक का आधार मिला है यानी दूध में क्रीम व पाउडर ना के बराबर है पानी की मात्रा ज्यादा है वह महाकाल मंदिर प्रबंधक समिति को पत्र लिखकर वस्तु स्थिति से अवगत कराएंगे ताकि समिति अपने स्तर पर सुधार करवा सकें अब तो सभी दुकानों को नोटिस जारी करके इन्हें लाइसेंस लेकर कारोबार करने और शुद्ध दूध बेचने की चेतावनी दे



बाइट---शैलेश गुप्ता खाद्य अधिकारी


बाइट---सूजन सिंह महाकाल प्रशासक


बाइट--- श्रद्धालु


Last Updated : Sep 18, 2019, 2:22 AM IST
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