उज्जैन। मंगलवार को घोषित UPSC सिविल सेवा परीक्षा के रिजल्ट में उज्जैन शहर की होनहार रोचिका गर्ग को कामयाबी मिली है. रोचिका ने ऑल इंडिया में 174वीं रैंक हासिल की है. अपने तीसरे अटेम्प्ट के बाद अब वे प्रशासनिक सेवा की अधिकारी बन गई हैं और जल्द ही वे इनकम टैक्स अधिकारी के रूप में ज्वाइन करेंगी. रोचिका ने बताया कि "वह सबसे पहले भगवान का धन्यवाद करेंगी कि उन्हें सिविल सर्वेंट बना दिया है."
रोचिका ने कहा सपना हुआ पूरा: रोचिका ने कहा कि "मेरा ही नहीं मेरे मम्मी-पापा का भी सपना था कि मैं UPSC का एग्जाम क्लियर करूं जो आज पूरा हो गया है. मैं उन सभी को धन्यवाद देना चाहती हूं जिसने मेरे इस सपने को पूरा करने में प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से साथ दिया. 174वीं रैंक के हिसाब से जनरल कैटेगिरी में रेवेन्यू सर्विस मिलना चाहिए तो मैं इनकम टैक्स कमिश्नर या जीएसटी कमिश्नर बन सकती हूं. मैं एक और अटेम्प्ट देने का सोच सकती हूं." वहीं रोचिका के माता-पिता ने कहा कि ये स्वप्न जैसा आनंद का पल है.
10 घंटे रोचिक करती थी पढ़ाई: अरिहंत नगर निवासी रोचिक ने कहा कि "पढ़ाई करने के लिए घंटे से ज्यादा लग्न जरूरी है. UPSC की पढ़ाई में बहुत मेहनत है. मैंने लगभग 10 घंटे हर दिन पढ़ाई की है." आगामी दिनों में UPSC के प्रीलिम्स आ रहे हैं. रोचिका ने सभी बच्चों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि "अपनी मेहनत पर कॉन्फिडेंस रखें, साथ ही अपनी इंस्टिंक्ट पर ट्रस्ट करें. मेहनत की है तो बहुत अच्छे से एग्जाम पास होगा." रोचिका ने देवास रोड स्थित सैंट मैरी स्कूल से PCM सब्जेक्ट के साथ 12वीं की पढ़ाई पूरी की, फिर B.tech करने के बाद भोपाल LNT में जॉब किया, साथ ही सिविल सर्विसेज प्रिपरेशन में समय दिया.
माता-पिता ने जताई खुशी: रोचिका के पिता राजेश गर्ग और मां सुनीता गर्ग ने खुशी जताई है. रोचिका के पिता ने कहा "3rd एटेम्पट में मेरी बेटी ने UPSC निकाला जो स्वप्न जैसा है. उज्जैन से 4 स्टूडेंट थे, मेरी बिटिया ने क्लियर किया है तो अलग ही आनंद का पल है जिसे शब्दों में बयान नहीं किया जा सकता. ये बेहद कठिन परीक्षा है जो सांप सीढ़ी के खेल की तरह मैं समझता हूं. बेटी का पिता हूं इसलिए चिंता थी. मन को बहुत अच्छा लगता है जब बच्चे सफलता प्राप्त करते हैं. जिन बच्चों का नहीं हुआ वे हिम्मत नहीं हारें, मेहनत करें जरूर आगे चयन होगा." वहीं, रोचिका की मां ने कहा कि "घर में बहुत अच्छा माहौल है की इतना बड़ा सपना मेरी बेटी ने पूरा किया."