उज्जैन। जब मदद करने का जज्बा हो तो सात समन्दर पार की दूरियां भी कम पड़ जाती हैं. उज्जैन की बेटी कल्याणी बड़गुर्जर ने इच्छा शक्ति और सेवा भाव से ये करिश्मा कर दिखाया है. कल्याणी कोरोना काल की दूसरी लहर की वो हीरो हैं, जिसके काम के चर्चे न सिर्फ उज्जैन में, बल्कि सात राज्यों सहित कनाडा के टोरंटो शहर में भी हो रहे हैं. कल्याणी के लिए क्या आम और क्या खास सभी दिल से दुआ दे रहे हैं. इसमें एक बड़ा नाम डांसर राघव जुयाल का भी है.
डांसर राघव जुयाल की भी की मदद
दरअसल, कल्याणी ने राघव तक को भी जरूरी सामान जैसे- ऑक्सीमीटर, फ्लोमीटर, मेडिसिन, कैनुला सहित अन्य सामान पहुंचवाये. ये वो समय था, जब कोरोना की दूसरी लहर में सभी जरूरी सामान के लिए मारामारी चल रही थी. ऐसे वक्त में कनाडा में बैठे-बैठे कल्याणी ने मानवता का जज्बा लिए न सिर्फ उत्तराखंड के राघव के पास बल्कि मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु राजस्थान सहित कर्नाटक के कई घरों तक जरूरी सामान पहुंचवाये.
टोरंटों में हुई तारीफें
इन सामानों में, बड़ी संख्या में टेमी फूली मेडिसिन, ऑक्सीमीटर, फ्लोमीटर, किराना सहित अन्य सामान जरूरतमंदों के घर तक पहुंचाये. आज कल्याणी न सिर्फ इंडिया में बल्कि कनाडा में भी मानव सेवा का बड़ा नाम बन चुकी हैं. टोरंटो में भारतीय महिलाओं के एक ग्रुप इंडियन वूमेन सर्कल में तो सिर्फ कल्याणी के काम के ही चर्चे हैं. पूरा व्हाट्सएप ग्रुप कल्याणी की तारीफों से भरा पड़ा है.
ऐसे मिला सेवा करने का जज्बा
उज्जैन के विवेकानंद कॉलोनी में रहने वाली कल्याणी बड़गुर्जर छह वर्ष पहले शादी के बाद कनाडा शिफ्ट हो गईं. वहां उनके पति एप्पल कंपनी में काम करते हैं. उनका एक तीन वर्ष का बेटा भी है. अप्रैल माह में कोरोना की दूसरी लहर में उनके माता-पिता दोनों संक्रमित हो गए. पिता को अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा था.
कल्याणी की एक बहन अहमदाबाद में और भाई नोएडा में नौकरी करते हैं. जिसके बाद वे उज्जैन आए थे. इस बीच माता-पिता दोनों के लिए जरूरी सामान और रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत पड़ी थी. कल्याणी ने उज्जैन में रहने वाले कुछ दोस्तों से मदद मांगी. उन्होंने कल्याणी के माता-पिता की बहुत मदद भी की. बस यहीं से कल्याणी ने सोचा की देश में हालत बेकाबू हैं. सात समन्दर पार ही सही, जितना हो सकता है मदद करूंगी.
रातभर जागकर की मदद
दरअसल, कनाडा और इंडिया में समय का अंतराल काफी ज्यादा है. इंडिया में जब दिन होता है, तो वहां रात होती है. ऐसे में उन्होंने रात में जागकर इंडिया के सात राज्यों तक घर बैठे मदद पहुंचायी. इस बीच तीन वर्ष का मासूम बेटा भी उन्हें परेशान करता था, लेकिन कल्याणी ने हिम्मत नहीं हारी. उज्जैन सहित अन्य शहरों में ऐसे लोगों का साथ मिला कि बस हाथ बढ़ते गए और कारवां बनता गया.
मदद के बाद वीडियो कॉल करके जानकारी भी ली
कल्याणी ने बताया कि जहां जब भी मदद का सामान पहुंचाया, उसके बाद उन लोगों से वीडियो कॉल करके बातें भी कीं. यही नहीं इसके बाद कई लोग कोविड से संक्रमित हुए, तो ठीक होने के बाद तक उनके हालचाल लेती रहीं. कल्याणी ने देश के उन हिस्सों तक भी मदद पहुंचायी, जहां उन्हें कोई जानने वाला नहीं था.
जबलपुर: कोरोना में मदद के लिए प्रशासन ने जनता से मांगी मदद
दरअसल, कनाडा के एक व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ीं कल्याणी रोजाना मदद के लिए ग्रुप में आए मैसेजों को पढ़ती थीं. इसी को आधार बनाकर उन्होंने जरूरतमंदों के नंबर निकाले और मदद करने के लिए आगे आयीं. सभी के मैसेज आते तो रिप्लाई जरूर करती थीं. विख्यात डांसर और एंकर राघव जुयाल सहित उज्जैन के राकेश यादव, मातृछाया के रविंद्र मालवीय जैसे सैकड़ों लोगों ने वीडियो बनाकर कल्याणी को धन्यवाद दिया.