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Ujjain Tension शिप्रा नदी के किनारे श्री रामघाट पर दो समुदाय आए आमने-सामने, जाने क्या थी तनाव की वजह

हिंदू-मुस्लिम के बीच खाई को पाटने के लिए जहां तरह-तरह प्रयास किए जा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर दोनों समुदायों के बीच जरा सी बात को लेकर तनाव बढ़ जाता है. शुक्रवार की रात उज्जैन में शिप्रा नदी के किनारे दोनों communities के बीच एक बार फिर तनातनी हो गई है. दोनों पक्षों से लोग आमने-सामने आ गए थे. प्रशासन और प्रतिष्ठित लोगों ने मध्यस्थता करते हुए बमुश्किल छह घंटे में मामला शांत कराया. "हजरत मौलाना मुगीसउद्दीन मौज चिश्ती रेहमत उल्लाह अलेह" दरगाह का उर्स पर्व शिप्रा नदी के किनारे shri ramghat पर मनाने के चलते यह Tension उत्पन्न हुए था.

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शिप्रा नदी के किनारे श्री रामघाट पर दो समुदाय आए आमने-सामने
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Published : Nov 12, 2022, 11:10 AM IST

उज्जैन। बीती रात शहर के Thana Mahakal क्षेत्र अंतर्गत मां शिप्रा नदी के shri ramghat पर स्थित मुस्लिम समाज के लोग अपनी प्रसाशनिक अनुमति के साथ "हजरत मौलाना मुगीसउद्दीन मौज चिश्ती रेहमत उल्लाह अलेह" दरगाह पर उर्स पर्व मनाने को बड़ी संख्या में एकत्रित हुए. शिप्रा के घाट पर टेंट व स्टेज बना कर तैयार किया गया. जहां मशहूर कव्वाल जुनेद सुल्तानी की कव्वाली का प्रोग्राम था. जैसे ही आयोजन की सूचना शहर के साधु संतों व हिंदू संघठनों को लगी तो तमाम हिंदू संगठनों ने shipra river के श्री राम घाट पर रविदास महाराज के ओटले का अपमान व shri ramghat के घाट पर अन्य धर्म के आयोजन का हवाला देते हुए आयोजन का जमकर विरोध किया.

श्री रामघाट पर दो समुदाय आए आमने सामने

छह घंटे में शांत हुआ मामलाः मिली जानकारी के अनुसार देखते ही देखते दोनों ओर से नारेबाजी होने लगी मौके पर लॉ आर्डर के लिए पुलिस के आलाधिकारी ने फोर्स के साथ मोर्चा संभाला और प्रशासनिक जिम्मेवारों ने मामले को बमुश्किल 6 घण्टे में शांत करवाया. इसके बाद आयोजन shipra river के श्री राम घाट पर नहीं हुआ दरगाह में ही हुआ. समाज ने अगले दिन प्रशासन से गणगौर मार्ग में आयोजन करने की अनुमति मांगी है जिसको लेकर ADM Santosh Tagore ने कहा डीएम साहब से बातचीत के बाद अनुमति पर विचार किया जाएगा.

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बड़ी संख्या के कारण मुस्लिमों को मिली थी अनुमतिः दरअसल मुस्लिम समाज के लोग प्रत्येक वर्ष अपना उर्स मुबारक 4 दिवसीय पर्व गणगौर दरवाजे के मार्ग में आने वाली "हजरत मौलाना मुगीसउद्दीन मौज चिश्ती रेहमत उल्लाह अलेह" दरगाह पर मनाते आये हैं. यह दरगाह पीछे की तरह शिप्रा के राम घाट से लगी हुई है. पिछले दो साल कोरोना के नियमों के कारण समाज के लोग पर्व नहीं मना सके थे. वर्ष 2019 में समाज ने कव्वाली आयोजन में अधिक संख्या के चलते शिप्रा के shri ramghat पर आयोजन किया था. जिसके बाद इस बार भी बड़ी संख्या देखते हुए प्रशासन से मुस्लिम समाज के लोगों को शिप्रा के घाट पर अनुमति दी और आयोजन की तैयारी शुरू होने लगी, लेकिन शुरू होने से पहले ही बवाल हो गया.

हिंदू संघठन ने आरोप लगायाः अन्य धर्म के लोगों को shri ramghat के घाट व रविदास महाराज के ओटेल के यहां आयोजन नहीं करने देंगे. ये दरगाह में करे हमे कोई आपत्ति नहीं लेकिन मुस्लिम समाज administrative permission के लिए अड़ा रहा. जिसके बाद दोनों ओर से तनातनी हुई नारेबाजी हुई 6 घंटे में माहौल बमुश्किल शांत हुआ अब मुस्लिम समाज ने शुक्रवार रात के आयोजन कैंसिल होने के बाद शनिवार को गणगौर दरवाजे मार्ग में आयोजन की अनुमति मांगी है.

उज्जैन। बीती रात शहर के Thana Mahakal क्षेत्र अंतर्गत मां शिप्रा नदी के shri ramghat पर स्थित मुस्लिम समाज के लोग अपनी प्रसाशनिक अनुमति के साथ "हजरत मौलाना मुगीसउद्दीन मौज चिश्ती रेहमत उल्लाह अलेह" दरगाह पर उर्स पर्व मनाने को बड़ी संख्या में एकत्रित हुए. शिप्रा के घाट पर टेंट व स्टेज बना कर तैयार किया गया. जहां मशहूर कव्वाल जुनेद सुल्तानी की कव्वाली का प्रोग्राम था. जैसे ही आयोजन की सूचना शहर के साधु संतों व हिंदू संघठनों को लगी तो तमाम हिंदू संगठनों ने shipra river के श्री राम घाट पर रविदास महाराज के ओटले का अपमान व shri ramghat के घाट पर अन्य धर्म के आयोजन का हवाला देते हुए आयोजन का जमकर विरोध किया.

श्री रामघाट पर दो समुदाय आए आमने सामने

छह घंटे में शांत हुआ मामलाः मिली जानकारी के अनुसार देखते ही देखते दोनों ओर से नारेबाजी होने लगी मौके पर लॉ आर्डर के लिए पुलिस के आलाधिकारी ने फोर्स के साथ मोर्चा संभाला और प्रशासनिक जिम्मेवारों ने मामले को बमुश्किल 6 घण्टे में शांत करवाया. इसके बाद आयोजन shipra river के श्री राम घाट पर नहीं हुआ दरगाह में ही हुआ. समाज ने अगले दिन प्रशासन से गणगौर मार्ग में आयोजन करने की अनुमति मांगी है जिसको लेकर ADM Santosh Tagore ने कहा डीएम साहब से बातचीत के बाद अनुमति पर विचार किया जाएगा.

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बड़ी संख्या के कारण मुस्लिमों को मिली थी अनुमतिः दरअसल मुस्लिम समाज के लोग प्रत्येक वर्ष अपना उर्स मुबारक 4 दिवसीय पर्व गणगौर दरवाजे के मार्ग में आने वाली "हजरत मौलाना मुगीसउद्दीन मौज चिश्ती रेहमत उल्लाह अलेह" दरगाह पर मनाते आये हैं. यह दरगाह पीछे की तरह शिप्रा के राम घाट से लगी हुई है. पिछले दो साल कोरोना के नियमों के कारण समाज के लोग पर्व नहीं मना सके थे. वर्ष 2019 में समाज ने कव्वाली आयोजन में अधिक संख्या के चलते शिप्रा के shri ramghat पर आयोजन किया था. जिसके बाद इस बार भी बड़ी संख्या देखते हुए प्रशासन से मुस्लिम समाज के लोगों को शिप्रा के घाट पर अनुमति दी और आयोजन की तैयारी शुरू होने लगी, लेकिन शुरू होने से पहले ही बवाल हो गया.

हिंदू संघठन ने आरोप लगायाः अन्य धर्म के लोगों को shri ramghat के घाट व रविदास महाराज के ओटेल के यहां आयोजन नहीं करने देंगे. ये दरगाह में करे हमे कोई आपत्ति नहीं लेकिन मुस्लिम समाज administrative permission के लिए अड़ा रहा. जिसके बाद दोनों ओर से तनातनी हुई नारेबाजी हुई 6 घंटे में माहौल बमुश्किल शांत हुआ अब मुस्लिम समाज ने शुक्रवार रात के आयोजन कैंसिल होने के बाद शनिवार को गणगौर दरवाजे मार्ग में आयोजन की अनुमति मांगी है.

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