उज्जैन। देश दुनिया में एक तरफ महामारी ने जाल बिछा रखा हैं, कई जाने जा चुकी है इंसान खुद के स्वस्थ रहने की चिंता में लगा है लेकिन इन सभी के बीच कुछ ऐसे भी बिरले है जो खुद की चिंता छोड़ प्रकृति, पर्यावरण की चिंता करते हैं. IIT मुंबई में प्रोफेसर रहे चेतन सिंह सोलंकी पर्यावरण के लिए अपनो को छोड़ लंबे वक्त के लिए एक अलख जगाने आम जनता के बीच निकल पड़े है. सोलंकी 11 साल के लिए अपना घर परिवार छोड़ आम जन के बीच "एनर्जी स्वराज" आंदोलन को लेकर निकले है. चेतन अब एक बस में सफर करते हैं जो पूरी तरह उनके घर जैसी है इस बस को सोलंकी ने 35 लाख की राशि खर्च कर तैयार करवाया है.
2020 से शुरू हुई यात्रा 2031 में होगी पूरी: एनर्जी स्वराज आंदोलन को लेकर चेतन सिंह सोलंकी ने बताया कि 6 नवंबर को ये यात्रा उन्होने भोपाल से शुरू की जो गुजरात होते हुए अब बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन पहुंची है और सीधा यहां से महाराष्ट्र के लिए रवाना होंगे. पूरे देश मे ये यात्रा जारी रहेगी जिसमें 11 साल लगने है. 2030-2031 इसका अंतिम वर्ष होगा. (solar man of india) सोलंकी ने बताया कि यात्रा का उद्देश्य आम जन को सोलर एनर्जी के प्रति जागरूक करना है. अब तक 2 साल में कुल 33 हजार किलोमीटर ये यात्रा हो चुकी है. चेतन सिंह ने बताया कि ये एक जनआंदोलन है इसके जरिये वे जलवायु परिवर्तन से धरती के बढ़ते तापमान और उससे होने वाले खतरे के प्रति आम जन को आगाह कर रहे हैं. वायु मंडल में हर सेकंड 1.5 मिलियन किलोग्राम कार्बन-डाई-ऑक्साइड फैल रही है और इसका दुष्परिणाम आने वाली 10 पीढ़ियों को भुगतना होगा. चेतन ने कहा कि ये एक प्रण है जो मैने लिया हो सकता है और लोग भी ले.
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सोलर एनर्जी इंडिया के हैं ब्रांड एम्बेसडर: चेतन सिंह सोलर एनर्जी इंडिया के ब्रांड एम्बेसडर हैं और कई अवार्ड से सम्मानित हो चुके है. 3 वर्ल्ड रिकॉर्ड, 2 यंग साइंटिस्ट, प्रीमेनिनिस्टर मोस्ट इनोवेटिव अवार्ड उनके नाम है. डॉक्टर चेतन ने कहा कि डेली रूटीन के लिए वह अब नए साल से सीसीडी चैलेंज (कॉलीमेट करेक्शन डे) की शुरुआत करेंगे. 4 जनवरी को पहला चैलेंज होगा जिसमें बिना प्रेस किये कपड़े पहनना है. 200 ग्राम कार्बन डाईऑक्साइड उत्सर्जित होती है और हमे इसे उत्सर्जन होने से रोकना है जिसमें हर किसी को शामिल होना होगा.