उज्जैन। कालिदास समारोह एक सांस्कृतिक व साहित्यिक सम्मेलन है. ये समारोह हर साल कार्तिक शुक्ल की एकादशी से शुरू होता है और देश मे उज्जैन में ही मनाया जाता है. सबसे पहले मां गढ़कालिका को बुधवार को पूजन के बाद गुरुवार को श्री महाकाल मंदिर व शिप्रा नदी में कलश पूजन किया गया. कलश यात्रा कालिदास अकादमी तक निकालते हुए आमजन को आमंत्रित किया गया.
झाबुआ के कलाकारों की प्रस्तुति : यात्रा के दौरान झाबुआ के लोकनृत्य के कलाकारों ने प्रस्तुति दी. कई विद्वानों की तस्वीर रिक्शा में एक के बाद एक आमजन ने सजी हुई देखी. गुरुवार को देर शाम 7 बजे नगाड़ा नांदी व भजन प्रस्तुति के बाद शुक्रवार से चित्रकला, नाट्य, गायन, वादन व अन्य प्रस्तुतियां देखने को मिलेंगी. इसके बाद हस्तशिल्प मेले का भी आयोजन 15 दिन के लिए किया जायेगा.
कालिदास समारोह का उद्घाटन करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित करने का निर्णय
नगाड़ा मंगल ध्वनि वादन : उज्जैन के प्रसिद्ध कलाकार नरेंद्र कुशवाहा द्वारा नगाड़ा मंगल ध्वनि वादन देर शाम गुरुवार को किया जाएग. वहीं दूसरी प्रस्तुति प्रसिद्ध लोक गायक सुंदर लाल मालवीय द्वारा निर्गुणी भजनों की रहेगी, कालिदास समारोह के विधिवत उद्घाटन में प्रथम दिन 4नवंबर को कैबिनेट मंत्री उषा ठाकुर, मोहन यादव व राज्यपाल मंगू भाई पटेल के शाम 4 बजे विशेष अतिथि के रूप में शामिल होने की संभावना है. यात्रा में अकादमी के निर्देशक उपनिदेशक विक्रम विश्व विद्यालय के कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय व अन्य पदाधिकारी शामिल हुए. (Ujjain Seven day Kalidas ceremony) (Kalidas ceremony inaugurated) (Kalash worship in Mahakal temple)