उज्जैन। आज भाई बहन के प्यार का त्यौहार रक्षा बंधन है. यह पर्व सिर्फ भाई और बहन ही नहीं मनाते बल्कि देवो के देव बाबा महाकाल भी मनाते हैं. 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकाल को राखी बंधी जाती है. मान्यता है की विश्व में सबसे पहले राखी भगवान महाकाल को बांधी जाती है. जिन बहनों के भाई नहीं होते वो बहने भी बाबा महाकाल को भाई समझकर राखी बांधती हैं. इसी सिलसिले में महाकाल को राखी बांधी गई और सवा लाख लड्डू का भोग लगाया गया.
बाबा महाकाल को बांधी राखी: रक्षा बंधन के दिन प्रातः काल होने वाली भस्म आरती में बाबा का सबसे पहले पंचामृत अभिषेक पूजन कर आकर्षक श्रृंगार किया गया. बाबा को पण्डे पुजारी ने राखी बांधी. जिसके बाद सवा लाख लड्डुओं का भोग लगाया गया. अल सुबह बाबा महाकाल की होने वाली आरती में भारी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए. इसके साथ ही इंदौर से आए राजकमल बैंड के द्वारा महाकाल मंदिर के प्रांगण में अपनी प्रस्तुति दी गई. जिसमें श्रद्धालु भी बड़ी मस्ती में झूमते नजर आए.
सवा लाख लड्डुओं का भोग: भस्म आरती के समय एक आकर्षक राखी बाबा महाकाल को बांधी जाती है. मान्यता है कि हिन्दू रीती रिवाज के सभी त्यौहार सबसे पहले देवो के देव महाकाल ही मनाते हैं. आज सबसे पहले बाबा महाकाल को राखी बांधी गयी और सवा लाख लड्डू का भोग लगाया गया है. रक्षा बंधन के विशेष त्यौहार पर बहने अपने भाई की कामना के लिए उज्जैन के महाकाल मंदिर में विशेष पूजन कर भस्म आरती में शामिल हुईं. राखी पर्व के चलते मंदिर में आकर्षक साज सज्जा की गई है.
पूरे दिन नहीं बांधी जाएगी राखी: आज भद्राकाल होने के कारण पूरे दिन राखी का त्यौहार नहीं मनाया जाएगा. रात 9:00 बजे से हर घर में राखी बंधेगी. लेकिन इसके पहले प्रातः काल भगवान महाकाल को भस्म आरती में राखी बांधी गई. वहीं सवा लाख लड्डुओं का भोग भी लगाया गया. आपको बता दें सदियों से बाबा महाकाल को रक्षाबंधन के दिन महाभोग लगाने की परंपरा चली आ रही है.