ETV Bharat / state

कैसे विकास दुबे पहुंचा महाकाल मंदिर ? उज्जैन पुलिस ने किया खुलासा

उज्जैन पुलिस ने खुलासा किया है कि कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे महाकाल मंदिर कैसे पहुंचा. पुलिस की जांच में ये भी सामने आया है कि उज्जैन में उसे किसी तरह का संरक्षण नहीं मिला था और न ही किसी ने उसकी मदद की थी.

File photo
फाइल फोटो
author img

By

Published : Jul 11, 2020, 10:23 PM IST

Updated : Jul 11, 2020, 10:33 PM IST

उज्जैन। कानपुर पुलिस हत्‍याकांड का मुख्‍य आरोपी विकास दुबे बेहद शातिराना अंदाज में तीन राज्‍य क्रॉस करते हुए मध्‍य प्रदेश पहुंचा था. एनकाउंटर में मारे जाने से पहले पूछताछ में उसने पुलिस को कई अहम जानकारियां दीं थीं. फरीदाबाद के एक होटल में जब उसे खबर मिली कि पुलिस रेड करने आ रही है तो वह वहां से निकल पड़ा, इसके बाद उसने दिल्‍ली को पार किया और फिर राजस्‍थान के अलवर पहुंचा. जहां से राजस्थान परिवहन निगम की बस से होते हुए वो झालावाड़ पहुंच गया.

एसपी मनोज कुमार सिंह

गैंगस्टर विकास दुबे की उज्जैन में गिरफ्तारी और उसके बाद यूपी एसटीएफ को सौंपने तक के मामले पर लगातार उठ रहे सवालों को लेकर आज उज्जैन एसपी ने अपनी बात मीडिया के सामने रखी और उन्होंने सारे राज से पर्दा उठाया. इस संबंध में महाकाल मंदिर के तीन सुरक्षा गार्ड, बाहर फूल बेचने वाले माली, विकास दुबे को ऑटो में घुमाने वाले बंटी समेत अन्य लोगों से पूछताछ की है.साथ ही पुलिस इंटेलिजेंस इनपुट और अभी तक की जांच में सामने आया है कि उज्जैन में विकास दुबे को किसी का भी संरक्षण नहीं मिला है और न ही किसी ने उसकी मदद की है.

पुलिस का खुलासा

उज्जैन पुलिस ने खुलासा किया है कि विकास दुबे झालावाड़ा से रात 9 बजे बाबू ट्रेवल्स की बस से देवास के लिए निकला. बस का सीट नंबर 6 था. जिसके बाद वो सुबह 3 बजकर 58 मिनट पर देवास बस स्टैंड पर उतरा. जहां उसने एक ऑटो बुक किया. ऑटो में बैठकर उसने महाकाल मंदिर के आस-पास होटल खोजने की कोशिश की. इसके बाद वो रामघाट गया. वहां स्नान करके उसने मंदिर खुलने की टाइमिंग पता की और फूल माला और पूजा सामग्री लेने सुरेश माली की दुकान पर पहुंचा. माली ने उसे पहचान लिया और फिर उसकी गिरफ्तारी हो गई.

अब तक जितने लोगों को शक के बिनाह पर हिरासत में लिया गया था, पुलिस ने अब सभी को छोड़ दिया है. इसमें मैनेजर आनंद तिवारी का नाम भी शामिल है. इसके अलावा पुलिस ने ऑटो चालक बंटी चौहान को भी क्लीन चिट दे दी है. उज्जैन पुलिस का साफ कहना है कि अभी तक की जांच में ये सामने आया है कि उज्जैन में किसी ने भी विकास दुबे की कोई मदद नहीं की है. उसने जो कहानी सुनाई थी वो झूठी थी.

सूत्रों के हवाले से ये बातें भी सामने आई हैं-

  • उज्जैन पुलिस ने विकास दुबे से 5 घंटे की पूछताछ का वीडियो बनाया था.
  • वीडियो में दर्ज किए गए बयान.
  • उज्जैन पुलिस की पूछताछ में करीब 3 से 4 बार रोया था विकास दुबे.
  • विकास का दावा था कि अगर वो नहीं मारता तो डीएसपी उसे मार देता.
  • डीएसपी बार-बार उसे और उसके बीवी-बच्चों को फंसाने की धमकी देता था.
  • कई बार उसने डीएसपी को पैसे दिए, लेकिन वो नहीं माना.
  • विकास दुबे ने यूपी पुलिस को सौंपने से किया था मना. एनकाउंटर की जताई थी आशंका.

उज्जैन। कानपुर पुलिस हत्‍याकांड का मुख्‍य आरोपी विकास दुबे बेहद शातिराना अंदाज में तीन राज्‍य क्रॉस करते हुए मध्‍य प्रदेश पहुंचा था. एनकाउंटर में मारे जाने से पहले पूछताछ में उसने पुलिस को कई अहम जानकारियां दीं थीं. फरीदाबाद के एक होटल में जब उसे खबर मिली कि पुलिस रेड करने आ रही है तो वह वहां से निकल पड़ा, इसके बाद उसने दिल्‍ली को पार किया और फिर राजस्‍थान के अलवर पहुंचा. जहां से राजस्थान परिवहन निगम की बस से होते हुए वो झालावाड़ पहुंच गया.

एसपी मनोज कुमार सिंह

गैंगस्टर विकास दुबे की उज्जैन में गिरफ्तारी और उसके बाद यूपी एसटीएफ को सौंपने तक के मामले पर लगातार उठ रहे सवालों को लेकर आज उज्जैन एसपी ने अपनी बात मीडिया के सामने रखी और उन्होंने सारे राज से पर्दा उठाया. इस संबंध में महाकाल मंदिर के तीन सुरक्षा गार्ड, बाहर फूल बेचने वाले माली, विकास दुबे को ऑटो में घुमाने वाले बंटी समेत अन्य लोगों से पूछताछ की है.साथ ही पुलिस इंटेलिजेंस इनपुट और अभी तक की जांच में सामने आया है कि उज्जैन में विकास दुबे को किसी का भी संरक्षण नहीं मिला है और न ही किसी ने उसकी मदद की है.

पुलिस का खुलासा

उज्जैन पुलिस ने खुलासा किया है कि विकास दुबे झालावाड़ा से रात 9 बजे बाबू ट्रेवल्स की बस से देवास के लिए निकला. बस का सीट नंबर 6 था. जिसके बाद वो सुबह 3 बजकर 58 मिनट पर देवास बस स्टैंड पर उतरा. जहां उसने एक ऑटो बुक किया. ऑटो में बैठकर उसने महाकाल मंदिर के आस-पास होटल खोजने की कोशिश की. इसके बाद वो रामघाट गया. वहां स्नान करके उसने मंदिर खुलने की टाइमिंग पता की और फूल माला और पूजा सामग्री लेने सुरेश माली की दुकान पर पहुंचा. माली ने उसे पहचान लिया और फिर उसकी गिरफ्तारी हो गई.

अब तक जितने लोगों को शक के बिनाह पर हिरासत में लिया गया था, पुलिस ने अब सभी को छोड़ दिया है. इसमें मैनेजर आनंद तिवारी का नाम भी शामिल है. इसके अलावा पुलिस ने ऑटो चालक बंटी चौहान को भी क्लीन चिट दे दी है. उज्जैन पुलिस का साफ कहना है कि अभी तक की जांच में ये सामने आया है कि उज्जैन में किसी ने भी विकास दुबे की कोई मदद नहीं की है. उसने जो कहानी सुनाई थी वो झूठी थी.

सूत्रों के हवाले से ये बातें भी सामने आई हैं-

  • उज्जैन पुलिस ने विकास दुबे से 5 घंटे की पूछताछ का वीडियो बनाया था.
  • वीडियो में दर्ज किए गए बयान.
  • उज्जैन पुलिस की पूछताछ में करीब 3 से 4 बार रोया था विकास दुबे.
  • विकास का दावा था कि अगर वो नहीं मारता तो डीएसपी उसे मार देता.
  • डीएसपी बार-बार उसे और उसके बीवी-बच्चों को फंसाने की धमकी देता था.
  • कई बार उसने डीएसपी को पैसे दिए, लेकिन वो नहीं माना.
  • विकास दुबे ने यूपी पुलिस को सौंपने से किया था मना. एनकाउंटर की जताई थी आशंका.
Last Updated : Jul 11, 2020, 10:33 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.