उज्जैन। शहर में 4 दिन पहले 12 वर्षीय बच्ची के साथ दरिंदगी करने का मामला सामने आने के बाद लोगों में रोष व्याप्त है. मामला सामने आने के बाद 28 पुलिस अधिकारी लगातार जांच में जुटे रहे और अंत में 6 ऑटो रिक्शा चालकों को कस्टडी में लेकर उनसे पूछताछ की तो मामले का पर्दाफाश हो गया. एक आटो में खून के निशान मिले थे. बच्ची को लिफ्ट देकर रास्ते में छोड़ने वाला व साक्ष्य छुपाने व अन्य मामलों में बनाया गया सहआरोपी राकेश मालवीय है. मुख्य आरोपी भरत पिता राजू सोनी है.
पीड़ित बच्ची भटकती रही : पुलिस जब मुख्य आरोपी को लेकर घटनास्थल पर पहुंची थी तो उसने फरार होने की कोशिश की. दीवार फांदते समय वह गिर गया और घायल हो गया. उसे पकड़ने के दौरान दो पुलिसकर्मी भी घायल हुए. आरोपी को लेकर पुलिस अस्पताल पहुंची. वहीं, इस मामले में उज्जैन के जिला न्यायालय में बार एसोसिएशन ने फैसला किया है कि कोई भी वकील इन आरोपियों की वकालत नहीं करेगा. बता दें कि उज्जैन में 12 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म की जो घटना हुई और इसके बाद लहूलुहान हालत में वह दर-दर भटकती रही लेकिन किसी ने भी उसकी मदद नहीं की.
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आश्रम संचालक ने की मदद : अंततः 8 किलोमीटर तक पीड़ित बच्ची पैदल चलती रही और लहू बहता रहा. इसके बाद वहां बड़नगर रोड स्थित दंडी आश्रम के सामने पहुंची तो आचार्य राहुल शर्मा ने उसकी मदद कर पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने उसे उपचार के लिए भर्ती कराया. इस घटना के बाद पूरे देश में उज्जैन का नाम सुर्खियों में आ गया और हर कोई आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग करने लगा. वहीं, उज्जैन बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक यादव ने बताया कि धार्मिक नगरी को शर्मसार करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.