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विक्रम विश्वविद्यालय में पीएचडी चयन परीक्षा-2022 में धांधली, लोकायुक्त ने की FIR दर्ज

विक्रम विश्वविद्यालय में करीब डेढ़ साल पहले हुई पीएचडी चयन परीक्षा-2022 में धांधली हुई है. इसमें फर्जी तरीके से नंबर बढ़ाने के लिए आंसर-शीट में छेड़-छाड़ को लेकर उज्जैन लोकायुक्त ने एफआईआर दर्ज की.

vikram university phd selection exam 2022
विक्रम विश्वविद्यालय
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Published : Jun 21, 2023, 10:58 PM IST

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय में 2022 पीएचडी चयन परीक्षा में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. अवैध रूप से नंबर बढ़ाने और आंसर-शीट में छेड़-छाड़ कर फेल विद्यार्थी को पास करने की शिकायत एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने लोकायुक्त से की थी. शिकायत होने के बाद उज्जैन लोकायुक्त ने विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव सहित अन्य अधिकारियों व शिकायतकर्ता के बयान दर्ज किए थे. इसके बाद लोकायुक्त पुलिस द्वारा पूरे मामले की जांच की गई और अंत में लोकायुक्त ने आंसर शीट भी जांच के लिए मंगवाई थी. लोकायुक्त ने विक्रम विश्वविद्यालय के पांच लोगों खिलाफ जिसमें कुलसचिव, पूर्व कुलपति, दो प्राध्यापक सहित एक सहायक कुलसचिव के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

पीएचडी चयन परीक्षा-2022 में धांधली: उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय में आए दिन नए-नए विवाद सामने आते रहते हैं. कभी एनएसयूआई के कार्यकर्ता छात्रों के हित के लिए आंदोलन करते हैं तो कभी एबीवीपी के कार्यकर्ता और आए दिन विक्रम विश्वविद्यालय में शिकायतों को लेकर हंगामा होते देखा होगा. एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने विक्रम विश्वविद्यालय में हुई मार्च 2022 में पीएचडी प्रवेश परीक्षा में हुई धान ताली को लेकर उज्जैन लोकायुक्त पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. कहा था कि पीएचडी में जो सानताली हुई है उसकी जांच की जाए. लोकल पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की और कुलसचिव सहित विक्रम विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की भी बयान दर्ज की है. इसके बाद आज बुधवार को लोकायुक्त पुलिस ने 5 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है.

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लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद विश्वविद्यालय में हड़कंप: उज्जैन शिकायत के आधार पर लोकायुक्त ने शिकायत कर्ता बबलू खिंची व कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक सहित गोपनीय विभाग के अन्य अधिकारियों को लोकायुक्त कार्यालय बुलाकर बयान दर्ज किए थे. वहीं जिन आंसर शीट में कांट-छांटकर नंबर बढ़ाए गए थे, उन्हे भी जांच के लिए बुलवाया था. लोकायुक्त पुलिस ने मामले में जांच के बाद कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक, पूर्व कुलपति व भू-विज्ञान के प्रोफेसर पीके वर्मा, भौतिक शास्त्र के सहायक प्राध्यापक गणपत अहीरवार, इंजीनियरिंग संस्थान के शिक्षक डॉ. वायएस ठाकुर और गोपनीय विभाग के सहायक कुलसचिव वीरेंद्र उचवारे के खिलाफ धारा 420, 468, 471, 201, 120 बी, भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा 7 बी के तहत प्रकरण दर्ज किया है. लोकायुक्त पुलिस ने विश्वविद्यालय से छेड़छाड़ की गई आंसर शीट को भी जब्त किया है. लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद विश्वविद्यालय में हड़कंप मचा हुआ है.

शिकायत कर्ता बबलू खिंची ने बताया कि उज्जैन लोकायुक्त को शिकायत के बाद भी कुलसचिव द्वारा पद का दुरूपयोग कर विद्यार्थी की कोर्स वर्क परीक्षा करा ली गई. जांच समिति बनी थी, उसमें प्रमाणित हुआ था कि 12 ओएमआर शीट पर डबल गोले थे. बाद में जांच समिति के इस्तीफे के बाद जांच समिति नहीं बनी.

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय में 2022 पीएचडी चयन परीक्षा में फर्जीवाड़ा का मामला सामने आया है. अवैध रूप से नंबर बढ़ाने और आंसर-शीट में छेड़-छाड़ कर फेल विद्यार्थी को पास करने की शिकायत एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने लोकायुक्त से की थी. शिकायत होने के बाद उज्जैन लोकायुक्त ने विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव सहित अन्य अधिकारियों व शिकायतकर्ता के बयान दर्ज किए थे. इसके बाद लोकायुक्त पुलिस द्वारा पूरे मामले की जांच की गई और अंत में लोकायुक्त ने आंसर शीट भी जांच के लिए मंगवाई थी. लोकायुक्त ने विक्रम विश्वविद्यालय के पांच लोगों खिलाफ जिसमें कुलसचिव, पूर्व कुलपति, दो प्राध्यापक सहित एक सहायक कुलसचिव के खिलाफ मामला दर्ज किया है.

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शिकायत कर्ता बबलू खिंची ने बताया कि उज्जैन लोकायुक्त को शिकायत के बाद भी कुलसचिव द्वारा पद का दुरूपयोग कर विद्यार्थी की कोर्स वर्क परीक्षा करा ली गई. जांच समिति बनी थी, उसमें प्रमाणित हुआ था कि 12 ओएमआर शीट पर डबल गोले थे. बाद में जांच समिति के इस्तीफे के बाद जांच समिति नहीं बनी.

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