उज्जैन। आज यानि 22 दिसंबर को सूर्य मकर रेखा पर लंबित होगा. सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के परिभ्रमण होगा और 22 दिसंबर को दिन सूर्य की क्रान्ति 23 अंश 26 कला 17 विकला दक्षिण होगी, जिससे भारत सहित उत्तरी गोलार्द्ध में स्थित देशों में सबसे छोटा दिन तथा सबसे बड़ी रात होगी. इसके तहत कल यानी शुक्रवार को सबसे छोटा दिन होगा. उज्जैन में सूर्योदय 7 बजकर 05 मिनट तथा सूर्यास्त 5 बजकर 46 मिनट पर होगा. उज्जैन में दिन की अवधि 10 घंटे 41 मिनट तथा रात की अवधि 13 घंटे 19 मिनट होगी.
सूर्य उत्तर की ओर : बता दें कि 22 दिसम्बर को खगोलीय घटना होगी, जिसके तहत आज सबसे छोटा दिन होगा. सूर्य की गति उत्तर की ओर दृष्टिगोचर होना प्रारम्भ हो जाती है, जिसे उत्तरायन का प्रारम्भ कहते हैं. सूर्य की उत्तर की ओर गति होने के कारण अब उत्तरी गोलार्द्ध में दिन धीरे-धीरे बड़े होने लगेंगे तथा रात छोटी होने लगेगी. 21 मार्च को सूर्य विषुवत रेखा पर होगा, तब दिन-रात बराबर होंगे. उज्जैन जीवाजीगंज वेधशाला प्रभारी राजेंद्र गुप्ता का कहना है कि दो-तीन दिन से काफी ठंडक पड़ रही है. दो दिन पहले तापमान 10 डिग्री हो गया था. बुधवार को बादल होने के कारण 11.8 तापमान था.
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उत्तर में सबसे छोटा दिन : बता दें कि दिसंबर में उत्तरी गोलार्ध सूर्य से दूर झुका हुआ होता है, इसलिए इसे दिन के दौरान कम धूप मिलती है. उत्तरी ध्रुव का सूर्य से दूर झुकाव सबसे अधिक होता है. इसलिए ये घटना भूमध्य रेखा के उत्तर में वर्ष के सबसे छोटे दिन को चिह्नित करती है. यह प्रभाव उन स्थानों पर सबसे अधिक होता है जो भूमध्य रेखा से अधिक दूर होते हैं. उष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में, सबसे छोटा दिन 12 घंटे से थोड़ा ही छोटा होता है. जबकि समशीतोष्ण क्षेत्र में, यह काफी छोटा है और आर्कटिक सर्कल के भीतर के स्थानों में ध्रुवीय रात का अनुभव होता है , जब सूर्य बिल्कुल भी नहीं उगता है.