उज्जैन। अक्सर खास धार्मिक मौकों पर 12 ज्योतिर्लिंग में से एक महाकालेश्वर मंदिर में भगवान महाकाल अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए प्रजा का हाल जानने निकलते हैं. इसी सिलसिले में आज वे कार्तिक मास में दूसरी बार पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर निकले. इस दौरान उन्होंने मनमहेश के रूप में अपने भक्तों और प्रजा के लोगों को दर्शन दिए.
उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक संदीप कुमार सोनी ने बताया, 'उज्जैन बाबा महाकालेश्वर भगवान मनमहेश के रूप में अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले.श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी में पुलिस बैण्ड, घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान ने बाबा को सलामी दी. वहीं, बाबा की सवारी महाकालेश्वर मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाड़ी होते हुए रामघाट क्षिप्रातट पहुंची.'
मां के शिप्रा के जल से की पूजा अर्चना: इस दौरान मां क्षिप्रा के जल से बाबा की पूजा-अर्चना की गई. इसके बाद भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोड की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए दोबारा महाकाल मंदिर लौटी.
हर साल हजारों की संख्या में पहुंचते हैं भक्त: उज्जैन बाबा महाकाल की सवारी कार्तिक महीने में प्रजा का हाल जाने नगर भ्रमण पर निकलती है. इसे देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचते हैं. वही भजन मंडलीय से लेकर तमाम लोग सवारी में शामिल होते हैं और परंपरानुसार शंकर भगवान की कार्तिक एवं अगहन (मार्गशीर्ष) माह में सवारी निकाली जाती है. ये बाबा की कार्तिक मास में दूसरी सवारी थी. बाबा महाकाल की तीसरी सवारी 04 दिसम्बर को निकलेगी. वहीं आखरी शाही सवारी 11 दिसम्बर 2023 को निकाली जाएगी.