उज्जैन। बाबा महाकाल के दरबार में लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं लेकिन काफी समय से गर्भ गृह में प्रवेश बंद है. किसी भी श्रद्धालु को भगवान महाकाल के शिवलिंग पर सामग्री या जल चढ़ाने को नहीं दिया जा रहा है. कुछ दिन पहले ही जीएसआई की टीम पानी के सैंपल लेने उज्जैन आई थी. वहीं आज ASI और GSI की 8 सदस्यीय टीम महाकाल मंदिर पहुंची. टीम ने शिवलिंग के क्षरण को लेकर जांच की. इसकी समीक्षा करने के बाद सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट सौंपी जाएगी. Erosion of Mahakal Shivalinga
सुप्रीम कोर्ट में है मामला : महाकाल शिवलिंग के क्षरण का मामला वर्ष 2017 में सुप्रीम कोर्ट में चला गया था. इस मामले में आदेश जारी किया गया था कि ASI और GSI की टीम प्रतिवर्ष शिवलिंग की जांच कर रिपोर्ट कोर्ट को सौंपे. ASI के डॉ. रामजी निगम ने बताया कि टीम में कुल 8 सदस्य निरीक्षण के लिए आये हैं. इनमें मोहन विक्रम और उप महानिदेशक जीएसआई राधेशयाम सरकार भोपाल के अलावा बाकी टीम दिल्ली से महाकाल मंदिर पहुंची. टीम ने महाकाल शिवलिंग, महाकाल मंदिर का गर्भगृह, मंदिर के शीर्ष भाग पर स्थित ओंकारेश्वर मंदिर और नागचंद्रेश्वर मंदिर का निरीक्षण किया. यहां मजबूती को लेकर बारीकी से जांच की गई. Erosion of Mahakal Shivalinga
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तस्वीरें लेकर नमूने इकट्ठे किए : यहां से कुछ तस्वीरें लेकर मशीनों से जांच की गई. इसके पहले भी जीएसआई की टीम भोपाल से आकर भगवान को चढ़ाने वाले जल और पंचामृत के नमूने लेकर गई थी. टीम ने महाकालेश्वर मंदिर के गर्भ गृह में बारीकी से जांच की. कुछ नमूने भी लिए इसके साथ ही महाकालेश्वर मंदिर के ऊपर ओंकारेश्वर मंदिर का भी निरीक्षण किया. मंदिर के भारी हिस्से की मजबूती को जांचा गया. ये सारे नमूने टीम ने इकट्ठे किए हैं, जिसकी जांच कर जल्द ही रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में सबमिट की जाएगी. Erosion of Mahakal Shivalinga