उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल का विवाह उत्सव शुक्रवार से शुरू हो गया है. महाशिवरात्रि पर्व की तैयारियां पूरे उत्साह से प्रारम्भ हो चुकी है. 18 फरवरी को आने वाली शिवरात्रि को महापर्व के रूप में मनाया जाता है. इसके पूर्व शिव-नवरात्रि पर्व भी मनाए जाने की परंपरा है. शिव-नवरात्रि में बाबा का हर रोज अलग-अलग रूपों में श्रृंगार किया जाता है. शुक्रवार 10 फरवरी से "शिव-नवरात्रि" पूजन प्रारंभ हो गया है. शिव नवरात्रि के दूसरे दिन 11 फरवरी शनिवार को बाबा ने शेष नाग के रूप में भक्तों को दर्शन दिया.
हर रोज अलग-अलग रूपों में देंगे दर्शन: महाकालेश्वर मंदिर में शिव-नवरात्रि पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है. इस दौरान 9 दिनों तक बाबा महाकाल अलग-अलग रूप में भक्तों को दर्शन देंगे. यह परंपरा सिर्फ महाकाल मंदिर में ही मनाई जाती है. त्योहार के दूसरे दिन अल सुबह भस्म आरती के दौरान पंचाभिषेक हर रोज की तरह हुआ. इसके बाद बाबा को भांग, सूखा मेवा, फल, और शेष नाग से शृंगार किया गया. साथ ही भगवान महाकाल को शनिवार को दूल्हे बनाने की परंपरा के अंतर्गत धोती भी पहनाई गई. महाकाल मंदिर में 9 दिन तक चलने वाली शिव-नवरात्रि में हर दिन अलग-अलग श्रृंगार बाबा का किया जाएगा. अंत में महाशिवरात्रि को महाकाल मंदिर में बड़ा पर्व मनाया जाएगा. इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु महाकाल मंदिर पहुंच रहे हैं. रविवार तीसरे दिन महाकाल मंदिर में बाबा का घटाटोप श्रृंगार किया जाएगा.
जानिए पूजन और आरती का समय:
- पहले दिन: चंद्रमोलेश्वर श्रृंगार.
- दूसरे दिन: शेषनाग शृंगार.
- तीसरे दिन: घटाटोप शृंगार.
- चौथे दिन: छबीना शृंगार.
- पांचवें दिन: होल्कर शृंगार.
- छठवें दिन: मनमहेश शृंगार.
- सांतवें दिन: उमा महेश शृंगार.
- आंठवें दिन: शिव तांडव शृंगार.
- नौवें दिन: भगवान दूल्हा रूप में दर्शन देंगे और इसी दिन सप्तधान रूप में भगवान का शृंगार कर फल और फूलों से बना सेहरा सजाया जाएगा. सोने के आभूषण धारण कराए जाएंगे, दोपहर में भस्मारती होगी.
9 दिन मंदिर प्रांगण में होगा हरिकीर्तन: महाकालेश्वर मंदिर परिसर में 9 दिन तक हरिकीर्तन आयोजित किया जाएगा. इसका समय शाम 4 से 6 बजे तक दो घंटे के लिए होगा.