उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व का सोमवार को चौथा दिन रहा. बाबा महाकाल ने चौथे दिन छबीना रूप में भक्तों को दर्शन दिए. बड़ी संख्या में भक्तों ने बाबा का आशीर्वाद लिया. वहीं मंदिर में पुजारियों ने सबसे पहले नियम अनुसार कोटेश्वर महादेव का पूजन किया. उसके बाद बाबा का पंचाभिषेक कर चोला दुसाला ओढ़ा कर छबीना रूप में श्रंगारित किया. महिलाओं ने मंगलगीत गाए, नृत्य किया और बड़े हर्ष उल्लास के साथ पर्व को मनाया.
महाकाल का हुआ अद्भुत श्रृंगार: मंदिर के दिनेश पुजारी ने कहा बाबा के छबीना रूप को मुखाग्र रूप भी कहते हैं. फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष तिथि अष्टमी का दिन रहा. अब पांचवे दिन बाबा का होलकर राजा रूप में श्रंगार देखने को मिलेगा. महाकाल मंदिर के दिनेश पुजारी ने जानकारी देते हुए कहा की सुबह भस्म आरती के दौरान रोज की तरह पंचाभिषेक हुआ. देश व प्रदेश की सुख समृद्धि की कामना की गई. कोटेश्वर महादेव के पूजन के बाद भगवान को नए वस्त्र धारण करवाए गए. जिसमें चोला दुसाला, स्वर्ण जड़ित आभूषण धारण कर छबीना रूप में बाबा का पूरा श्रंगार किया गया.जो की चौथे दिन का क्रम है. बड़ी संख्या में भक्तों ने बाबा महाकाल का आशीर्वाद लिया. वहीं पुजारी ने यह भी कहा की हर रोज भगवान अलग-अलग स्वरूप में दर्शन देंगे. शिव-नवरात्रि का समय भगवान शिव के पुजन अर्चन, ध्यान- चिंतन -मनन, की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है.
हर रोज इन रूपों में होते हैं महाकाल के दर्शन:
- पहला दिन: चंद्रमोलेश्वर रूप में श्रंगार किया गया.
- दूसरा दिन: शेषनाग रूप में शृंगार हुआ.
- तीसरा दिन: घटाटोप रूप में शृंगार हुआ.
- चौथा दिन: छबीना रूप में शृंगार हुआ.
- पांचवां दिन: होलकर रूप में शृंगार होगा.
- छठा दिन: मनमहेश रूप में शृंगार होगा.
- सातवां दिन: उमा महेश के रूप में शृंगार होगा.
- आठवां दिन: शिव तांडव रूप में शृंगार होगा.
नवें दिन: भगवान दूल्हा रूप में दर्शन देंगे और इसी दिन सप्तधान रूप में भगवान का शृंगार कर फल व फूलों से बना सेहरा सजाया जाएगा. सोने के आभूषण धारण कराए जाएंगे दोपहर में भस्मारती होगी.
9 दिन मंदिर प्रांगण में होगा हरिकीर्तन: श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में पर्व के दौरान हरि कीर्तन आयोजित किया जा रहा है. जिसका समय शाम 4 से 6 बजे तक 2 घंटे का है. हृकीर्तन हर रोज 9 दिन तक पंडित श्री राम कानडकर के बेटे पंडित रमेश द्वारा शिवकथा हरिकीर्तं किया जाता रहा है.