उज्जैन। बाबा महाकाल की भस्मारती महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः काल 3 बजे बजे शुरू होती है. भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर स्नान कराया जाता है. इसके बाद पंडे, पुजारियों द्वारा दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया. फिर उनका पुजारियों द्वारा अद्भुत श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई, जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. यह देखकर भक्त भी शिवमय हो गए.
रात्रि 12 बजे से भस्मारती के लिए भक्तों की लाइन : उज्जैन के बाबा महाकाल की भस्मआरती के लिए श्रद्धालु रात 12 बजे से मंदिर के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं. तड़के तीन बजे जैसे ही मंदिर के पट खुलते है तो श्रद्धालुओं को बारी -बारी से मंदिर में परमिशन चेक करके जाने दिया जाता है. आखिर में महाकाल बाबा का पंडे, पुजारी मंत्र उच्चारण के साथ जल से अभिषेक कर पंचामृत से अभिषेक करते हैं. मंगलवार को भगवान महाकाल का भांग और अबीर, चन्दन से सूर्य देव के रूप में श्रंगार किया गया.
बाबा के भक्त में भक्ति में डूबे : इसके बाद बाबा महाकाल को भस्मी अर्पित की गई. इसे देखकर भक्त भोले की भक्ति में डूब गए. बाबा महाकाल के श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, अबीर, कुमकुम सहित तमाम पकवान अर्पित किए गए. सूर्य ग्रहण होने के कारण बाबा महाकाल को सूर्य के रूप में तैयार किया गया तो भक्त ये दृश्य देखकर निहाल हो गए. इसके अलावा भगवान को चांदी का छत्र, रुद्राक्ष की माला, फूलों की माला और कलरफुल वस्त्र पहनाये गये. इसके बाद तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गया. (Ujjain Mahakaleshwar temple) (Mahakal makeup on 25 October 2022)(Bhasma Aarti of Baba Mahakal) (Mahakal adorned as sun god)