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Ujjain Mahakaleshwar Temple: महाकाल का भांग से राजा रूप में हुआ श्रृंगार, बाबा ने आभूषण धारण कर दिए दर्शन - महाकाल का राजा रूप में श्रृंगार

उज्जैन में बाबा महाकाल का भस्म आरती के दौरान पंचामृत अभिषेक किया गया. भगवान का मंगलवार को भांग, चंदन और अबीर से राजा के रूप में श्रृंगार किया गया. त्रिपुण्ड व त्रिसर नेत्र और आभूषण धारण कराए गए. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई.

Ujjain Mahakaleshwar Temple
राजा रूप में महाकाल के दर्शन
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Published : Feb 28, 2023, 7:26 AM IST

उज्जैन। उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः काल 03:00 बजे से भस्म आरती शुरू होती है. भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया जाता है. इसके बाद पंडे, पुजारियों द्वारा दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया. फिर उनका पुजारियों द्वारा भांग से अद्भुत श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई. जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. यह देख भक्त भी शिवमय हो जाते हैं.

Ujjain Mahakaleshwar Temple
भस्म आरती के दौरान महाकाल

बाबा महाकाल का राजा के रूप में श्रृंगार: भगवान महाकाल की भस्मारती में चन्दन से श्रृंगार कर आज राजा के रूप में श्रृंगार किया. वहीं बाबा को मस्तक पर काजू, बादाम से त्रिपुण्ड व त्रिसर नेत्र और आभूषण धारण कराए. श्रृंगार इतना अदभुत था कि भगवान महाकाल के दर्शन कर श्रद्धालुओं आनंदमय हो गए. महाकाल को राजा के रूप में तैयार किया गया. वहीं सूखे मेवे से श्रृंगार किया गया. गुलाब के फूलों की माला व आभूषण व कुंडल धारण कराए गए. भांग से राजा के रूप में श्रृंगार किया.

Ujjain Mahakaleshwar Temple
राजा रूप में महाकाल के दर्शन

महाकाल से जुड़ी कुछ और खबरें यहां पढ़ें

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Ujjain Mahakaleshwar Temple
नंदी महाराज के दर्शन

रात से लगती है भस्मारती के लिए लाइन: उज्जैन के बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए श्रद्धालु रात 12 बजे मंदिर के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं. तीन बजे जैसे ही मंदिर के पट खुलते हैं और श्रद्धालुओं को बारी-बारी मंदिर में परमिशन चेक कर के जाने दिया जाता है. आखिर में महाकाल बाबा का पांडे, पुजारी मंत्र उच्चारण के साथ जल से अभिषेक कर पंचामृत अभिषेक करते हैं. भगवान महाकाल का भांग से राजा के रूप में श्रंगार कर बाबा महाकाल को भस्मी अर्पित करते हैं, और फिर शुरू होती है भस्म आरती. जिसे देख भक्त अभिभूत हो जाते हैं. इसके अलावा भगवान को चांदी का छत्र, रुद्राक्ष की माला, फूलों की माला और कलरफुल वस्त्र पहनाये गये, फिर तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गयाय

उज्जैन। उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः काल 03:00 बजे से भस्म आरती शुरू होती है. भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया जाता है. इसके बाद पंडे, पुजारियों द्वारा दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया. फिर उनका पुजारियों द्वारा भांग से अद्भुत श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई. जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. यह देख भक्त भी शिवमय हो जाते हैं.

Ujjain Mahakaleshwar Temple
भस्म आरती के दौरान महाकाल

बाबा महाकाल का राजा के रूप में श्रृंगार: भगवान महाकाल की भस्मारती में चन्दन से श्रृंगार कर आज राजा के रूप में श्रृंगार किया. वहीं बाबा को मस्तक पर काजू, बादाम से त्रिपुण्ड व त्रिसर नेत्र और आभूषण धारण कराए. श्रृंगार इतना अदभुत था कि भगवान महाकाल के दर्शन कर श्रद्धालुओं आनंदमय हो गए. महाकाल को राजा के रूप में तैयार किया गया. वहीं सूखे मेवे से श्रृंगार किया गया. गुलाब के फूलों की माला व आभूषण व कुंडल धारण कराए गए. भांग से राजा के रूप में श्रृंगार किया.

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