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Ujjain Mahakaleshwar Temple: राजा बने बाबा महाकाल, मस्तक पर धारण किया ओम, शिवमय हुए भक्त

शनिवार को भगवान महाकाल की भस्मारती में चन्दन और भांग से श्रृंगार कर बाबा महाकाल को राजा का रूप में श्रृंगार किया गया. बाबा के मस्तक पर शेष नाग, गोल्ड व कुंदन से जड़ा ओम और आभूषण धारण कराए. श्रृंगार इतना अदभुत था कि भगवान महाकाल के दर्शन कर श्रद्धालुओं आनंदमय हो गए. बाबा महाकाल ने राजा के रूप में भक्तों को दर्शन दिए.

Baba Mahakal became king
राजा बने बाबा महाकाल
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Published : Mar 11, 2023, 9:33 AM IST

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में प्रातः काल 03:00 बजे होने वाली भस्मारती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया गया. इसके बाद पंडे, पुजारियों द्वारा दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया. फिर उनका पुजारियों द्वारा भांग से अद्भुत श्रृंगार किया गया. भगवान महाकाल को भस्मी अर्पित करके आरती की गई. जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया. यह देख भक्त भी शिवमय हो गए.

Ujjain Mahakaleshwar Temple
महाकालेश्वर मंदिर

राजा बने बाबा महाकाल: भगवान महाकाल का पंडे, पुजारियों द्वारा अबीर भांग और चंदन से राजा के रूप में रूप में श्रृंगार किया गया. श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, अबीर, कुमकुम शामिल रहा. इसके अलावा भगवान ने शेष नाग, गोल्ड व कुंदन से जड़ा ओम, आभूषण,. रुद्राक्ष की माला, फूलों की माला धारण की, इसके अलावा बाबा को कलरफुल वस्त्र पहनाये गये. फिर तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गया. बाबा महाकाल ने राजा के रूप में भक्तों को दर्शन दिए.

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3 बजे खुल जाते हैं मंदिर के पट: उज्जैन के बाबा महाकाल की भस्म आरती के लिए श्रद्धालु रात 12 बजे मंदिर के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं और 3 बजे जैसे ही मंदिर के पट खुलते है और श्रद्धलु को मंदिर में परमिशन चेक कर के जाने दिया जाता है और आखिर में महाकाल बाबा का पुजारी मंत्र उपचारण के साथ जल से अभिषेक कर पंचामृत अभिषेक करते हैं और भगवान महाकाल का भांग से राजा के रूप में श्रंगार कर बाबा महाकाल को भस्मी अर्पित करते हैं. फिर शुरू होती है भस्म आरती और जिसे देख भक्त अभिभूत हो जाते हैं.

Darshan of Nandi Maharaj
नंदी महाराज के दर्शन

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Ujjain Mahakaleshwar Temple
महाकालेश्वर मंदिर

राजा बने बाबा महाकाल: भगवान महाकाल का पंडे, पुजारियों द्वारा अबीर भांग और चंदन से राजा के रूप में रूप में श्रृंगार किया गया. श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, अबीर, कुमकुम शामिल रहा. इसके अलावा भगवान ने शेष नाग, गोल्ड व कुंदन से जड़ा ओम, आभूषण,. रुद्राक्ष की माला, फूलों की माला धारण की, इसके अलावा बाबा को कलरफुल वस्त्र पहनाये गये. फिर तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया गया. बाबा महाकाल ने राजा के रूप में भक्तों को दर्शन दिए.

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