उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में मंगलवार को प्रातः काल 3:00 बजे होने वाली भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को जल अर्पित कर उन्हें स्नान कराया गया. इसके बाद पंडे, पुजारियों द्वारा दूध, दही, घी, शहद, पंचामृत से भगवान का अभिषेक किया गया. इसके पश्चात भगवान महाकाल का पंडे, पुजारियों द्वारा भस्मारती में भांग और चंदन से राजा के रूप में श्रृंगार किया गया. मस्तक पर चांदी का शेष नाग और अबीर लगाकर त्रिपुण्ड और कुन्दन जड़े आभूषण धारण कराए. भगवान महाकाल को भस्म अर्पित करके आरती की गई जिसमें बाबा महाकाल को फल और विभिन्न प्रकार की मिठाइयों का भोग लगाया गया.
![Baba Mahakal makeup on 11 April 2023](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-ujj-01-mahakal-mp10029_11042023084248_1104f_1681182768_578.jpg)
राजा के रूप में दिखे महाकाल: बाबा महाकाल के श्रृंगार में काजू, बादाम, रुद्राक्ष, अबीर, कुमकुम सहित तमाम पकवान का भोग लगते हैं और राजा के रूप में श्रृंगार किया जाता है. इसके अलावा भगवान को चांदी का छत्र, रुद्राक्ष की माला, फूलों की माला और कलरफुल वस्त्र पहनाए गए फिर तमाम प्रकार के फल और मिठाइयों से भोग लगाया. श्रृंगार इतना अद्भुत था कि भगवान महाकाल के दर्शन कर श्रद्धालु आनंदमय हो गए. बाबा महाकाल का भांग से राजा के रूप में भक्तों को दर्शन दिए.
![Baba Mahakal makeup as king](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-ujj-01-mahakal-mp10029_11042023084248_1104f_1681182768_1075.jpg)
रात से ही लाइन लगनी होती है शुरू: महाकाल की भस्मारती के लिए देशभर के कोने-कोने से उज्जैन श्रद्धालु पहुंचते हैं जो रात करीब 12 बजे से ही मंदिर के बाहर लाइन लगाकर खड़े हो जाते हैं. जैसे ही मंदिर के पट खुलते हैं, उन्हें परमिशन चेक कर अंदर जाने दिया जाता है. इधर, महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी मंत्रोच्चारण के साथ अभिषेक शुरू करते हैं, उधर श्रद्धालु भगवान शिव की जय-जयकार करने लगते हैं. पूरा माहौल भक्ति-भावमय हो जाता है. ऐसा लगता है कि पूरी सृष्टि भोलेनाथ की स्तुतिगान में लगी है.
![Ujjain Mahakaleshwar temple](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/mp-ujj-01-mahakal-mp10029_11042023084248_1104f_1681182768_719.jpg)