उज्जैन। दीपावली पर घर-घर में माता लक्ष्मी का पूजन किया जाएगा. वहीं, उज्जैन के नयी पेठ में मां गजलक्ष्मी मंदिर में चार दिवसीय दीप पर्व के दौरान श्रद्धालुओं का तांता लगेगा. धनतेरस से दीपावली तक तीन दिन सुबह 8 बजे से माता गजलक्ष्मी का दुग्धाभिषेक होगा. दीपावली के दिन 21 सौ लीटर दूध से अभिषेक किया जाएगा. मां गजलक्ष्मी का मंदिर करीब 2000 वर्ष पुराना है. उज्जैन के इस मंदिर का वर्णन स्कन्द पुराणों में भी मिलता है. Ujjain Maa Gajalakshmi Temple
राजा विक्रमदित्य की राजलक्ष्मी : मां गजलक्ष्मी राजा विक्रमदित्य की राजलक्ष्मी भी कहलाती थीं. हाथी पर सवार लक्ष्मी माता की मूर्ति विक्रमदित्य के जमाने की ऐसी दुर्लभ प्रतिमा पूरे भारतवर्ष में कहीं नहीं मिलेगी. ये ऐरावत हाथी पर सवार हैं. जिस पर माता पद्मासन मुद्रा में बैठी हैं. हाथी पर सवार लक्ष्मी माता मान सम्मान व वैभव दिलाने वाली होती हैं. शुभ लक्ष्मी के रूप में गजलक्ष्मी को पूजा जाता है. उज्जैन में धनतेरस से पड़वा तक चार दिन दीपावली तक त्यौहार गजलक्ष्मी मंदिर में मनाया जाएगा. Ujjain Maa Gajalakshmi Temple
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सौभाग्यवती महिलाओं को माता की बिंदी : दीपावली के दूसरे दिन सुहाग पड़वा पर यहां सौभाग्यवती महिलाओं को माता की बिंदी का सिंदूर सौभाग्य स्वरूप वितरित किया जाता है. दीपावली के दिन माता गजलक्ष्मी के दर्शन के लिए करीब दो लाख श्रद्धालु मंदिर पहुंचेंगे. मंदिर के पुजारी राजेश शर्मा ने बताया धनतेरस से दीपावली तक तीन दिन सुबह 8 बजे से माता गजलक्ष्मी का दुग्धाभिषेक होगा. दीपावली के दिन 21 सौ लीटर दूध से अभिषेक किया जाएगा. दिन में माता का विशेष शृंगार कर पूजा अर्चना की जाएगी. इसके बाद हवन होगा. Ujjain Maa Gajalakshmi Temple