उज्जैन। जिले की भैरवगढ़ केंद्रीय जेल में हुए 15 करोड़ के डीपीएफ घोटाले में हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. भोपाल जेल मुख्यालय से गुरुवार को उज्जैन पहुंचे एडीजी अखेतो खेमा और डीआईजी मंशाराम पटेल ने मामले की जांच की. साथ ही मीडिया से बातचीत में कहा कि शासन निर्णय ले चुकी है कि, जिनका पैसा खाते से गायब हुआ है उन्हें सरकार भुगतान करेगी, चाहे 1 लाख हो या 10 लाख. साथ ही आरोपियों से रिकवरी जारी है. जेल एडीजी ने यह भी कहा कि डीडीओ को दिए जाने वाले आईडी पासवर्ड पर अब सख्ती से नजर रखी जाएगी.
जांच में पाया गया गबन: मामले में जेल अधीक्षक रही उषा राज को मुख्य आरोपी बनाया गया है. उज्जैन पुलिस और एसआईटी की टीम जांच कर रही है. 13 आरोपियों में से अब तक 10 आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इनसे 3 करोड़ से अधिक की रिकवरी की जा चुकी है. उज्जैन जेल के डीपीएफ घोटाले में 11 मार्च को जिला कलेक्टर द्वारा भोपाल मुख्यालय में रिपोर्ट पेश की गई थी कि उज्जैन जेल में डीपीएफ गबन हुआ है. भोपाल मुख्यालय की जांच में पाया गया कि 15 करोड़ का यह घोटाला है. इसके बाद जेल के अकाउंटेंट रिपुदमन, जेल अधीक्षक उषा राज व एक अन्य बाहरी व्यक्ति जगदीश परमार जो खुद को पत्रकार बताता था उसे भी मुख्य आरोपी बनाया गया है.
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फरार आरोपियों की तलाश जारी: महीने भर में कुल 10 आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद सबको प्रदेश की अलग-अलग जेलों में न्यायालय के आदेश पर शिफ्ट किया गया है. अब 17 अप्रैल को सबकी एक साथ उज्जैन न्यायालय में पेशी होनी है. कुल 13 आरोपी बनाए गए हैं. इसमें से 3 फरार हैं. कई संदिग्ध भी फरार हैं. सब की तलाश में पुलिस और एसआईटी की टीम जुटी हुई है.