उज्जैन। धार्मिक नगरी अवंतिका उज्जैनी में हर एक पर्व का अपना अलग महत्व है. हर एक पर्व को बाबा महाकाल के आंगन से मनाए जाने की खास परंपरा है. उज्जैन के सिंह पुरी की गलियों में एक ऐसा तीर्थ स्थल है, जिसे स्याही माता के नाम से जाना जाता है. जहां खास कर बसंत पंचमी पर्व पर के दिन स्कूली व कॉलेज के छात्र छात्राओं का तांता दर्शन हेतु लगा रहता है. बड़ी संख्या में आम जन भी पहुंचते है. हालांकि मंदिर मां सरस्वती का है. गुरुवार को भी भक्त पहुंचे और सरस्वती मां (स्याही मां) का आशीर्वाद लिया. मां को स्याही अर्पित कर आशीर्वाद लिया. मंदिर में मां सरस्वती की लगभग 300 वर्ष पुरानी पाषाण की मूर्ति है.
सरस्वती मां को स्याही माता के नाम से जानने लगे है लोगः दरअसल इस मंदिर को विश्व का एक मात्र ऐसा मंदिर माना गया है, जहां पर बसंत पंचमी पर्व पर छात्र छात्राए अपने भविष्य (कॅरियर) को संवारने की मनोकामना लिए सरस्वती माता को स्याही और पेन चढ़ाते है. गुरुवार को बंसत पंचमी पर सुबह से ही बड़ी संख्या में विद्यार्थी शहर के सिंहपुरी क्षेत्र अंतर्गत चौरसिया समाज की धर्मशाला के समीप माता सरस्वती के मंदिर पहुंचे थे. आगामी परीक्षा के लिए भी मन्नते मांगते नजर आए. परीक्षा में सफलता प्राप्ति के लिए देवी को कलम, दवात भी चढ़ाई जाती है. माता सरस्वती को पीले पुष्प अर्पित कर पूजा अर्चना की जाती हैं.
300 वर्ष पुराना है मंदिरः पंडित अनिल मोदी ने बताया कि 300 वर्ष प्राचीन कालीन इस मंदिर में पाषाण की काली मूर्ति है. छात्र अच्छे नंबरों से पास हो उनका कॅरियर बन जाए ऐसी कामना लेकर यहां दर्शन करने आते हैं. परीक्षा के दिनों में भी छात्र छात्राओं का तांता मंदिर में लगता है. बेशकीमती पाषाण की मूर्ति बहुत छोटे से मंदिर में वीराजित है.
महावीर भगवान का तिरंगा अभिषेकः एक अन्य खबर के अनुसार उज्जैन के इंदौर रोड स्थित महावीर तपोभूमि पर आचार्य गुरुदेव प्रज्ञा सागर जी महाराज के सानिध्य में इस वर्ष माह मस्तकाभिषेक दिनांक 22 जनवरी 2023 से प्रारंभ हुआ जो 26 जनवरी 2023 को तिरंगा अभिषेक के साथ संपन्न हुआ. साथ ही आज इंदौर रोड स्थित तपोभूमि में महावीर भगवान का 108 लीटर दूध से बना तिरंगा अभिषेक किया गया. इसमें केसर दूध व औषधि युक्त महावीर भगवान का तिरंगा अभिषेक किया गया. उसके बाद महावीर जी का जलाअभिषेक की विधि संपन्न हुई.
प्रतिवर्ष 26 जनवरी को होता है यह अभिषेकः भगवान महावीर स्वामी की खड़गा सन प्रतिमा पर यह अभिषेक प्रतिवर्ष 26 जनवरी को आयोजित किया जाता है. जिसमें देशभर से श्रद्धलु श्री महावीर तपोभूमि पर एकत्रित होते हैं. इस अभिषेक में प्रतिवर्ष दिगंबर जैन संत सम्मिलित होते हैं. उन्हीं के सानिध्य में अभिषेक आयोजित होता है. तपोभूमि आचार्य गुरुदेव प्रज्ञा सागर जी महाराज का कहना है कि धर्म से पहले देश होता है. हमें सर्वप्रथम राष्ट्रभक्त होना चाहिए तत्पश्चात धर्म भक्त होना चाहिए, क्योंकि यदि राष्ट्र सुरक्षित है तो धर्म अपने आप सुरक्षित होगा.