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Ujjain Gaurav Divas: भव्य समारोह के बीच रंगारंग आतिशबाजी, मशहूर गायक शान की मीठी आवाज गूंजी - मशहूर गायक शान की मीठी आवाज गूंजी

बाबा महाकाल की नगरी अवंतिका (उज्जैन) में गुड़ी पड़वा पर्व हिन्दू नववर्ष के मौके पर विक्रमोत्सव के तहत लगातार दूसरे वर्ष गौरव दिवस मनाया गया. भव्य समारोह शिप्रा के श्री राम घाट व दत्त अखाड़ा घाट पर आयोजित हुआ. इस मौके पर प्रसिद्ध गायक शान ने शानदार प्रस्तुति दी. इससे पहले जमकर आतिशबाजी हुई. महाकाल गीत की सीएम शिवराज ने गायक शान के साथ लॉन्चिंग की. साथ ही विक्रम संवत कैलैंडर और पुस्तक का विमोचन किया.

Ujjain Gaurav Divas
उज्जैन गौरव दिवस पर भव्य समारोह के बीच रंगारंग आतिशबाजी
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Published : Mar 23, 2023, 7:03 AM IST

उज्जैन गौरव दिवस पर भव्य समारोह के बीच रंगारंग आतिशबाजी

उज्जैन। उज्जैन गौरव दिवस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के आते ही शिप्रा के घाटों पर भव्य एवं रंगारंग आतिशबाजी की गई. मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्वलित कर गौरव दिवस के कार्यक्रम का शुभारम्भ किया. मुख्यमंत्री ने पांच गायकों शंकर महादेवन, अरजीत सिंह, शान, सोनू निगम एवं कैलाश खेर द्वारा गाये महाकाल के गीत को लॉन्च किया. पं.चन्दन गुरु ने स्वस्ति वाचन किया एवं विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक डॉ.श्रीराम तिवारी ने विक्रमादित्य शोधपीठ के कार्यों की विस्तार से जानकारी दी. सीएम शिवराज ने इस अवसर पर कहा कि सनातन नया वर्ष प्रारम्भ हो रहा है. इसी दिन 2005 से हमने विक्रमोत्सव मनाना शुरू किया था. आज ही के दिन अवन्तिका का गौरव दिवस मनाया जा रहा है.

उज्जैन की धार्मिक व सांस्कृतिक पहचान : सीएम ने कहा कि सृष्टि को आरम्भ हुए एक अरब 95 करोड़ 58 लाख 85 हजार 124 वर्ष हो गये हैं. उज्जैन का गौरव सबको गौरवान्वित करता है. उज्जैन की अपनी धार्मिक एवं सांस्कृतिक पहचान है, जो युगों से पल्लवित होती रही है. सृष्टि के आरम्भ से ही उज्जयिनी का अस्तित्व माना जाता है. युग बदलते गये और उज्जैन को कभी उज्जयिनी, अवन्तिका, कनकश्रृंगा आदि नामों से जाना जाता रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गरुड़ पुराण में उज्जैन को सर्वश्रेष्ठ नगरी बताया गया है. वहीं अग्निपुराण में उज्जयिनी को मोक्षदा कहा गया है. पार्वती मां के कहने पर भगवान शिव ने उज्जयिनी नगरी बसाई थी. इसीलिये उज्जयिनी नगरी को विशाला भी कहते हैं.

कई लोगों को उज्जयिनी गौरव रत्न सम्मान: समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले विख्यात लोगों को उज्जयिनी गौरव रत्न सम्मान प्रदान किया. सम्मान के तहत शाल एवं प्रशंसा पत्र प्रदान किए. मुख्यमंत्री ने चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर डॉ.सीएम पौराणिक को, शिक्षा के क्षेत्र में डॉ.रामराजेश मिश्र, साहित्य के क्षेत्र में शिव चौरसिया को, विधि के क्षेत्र में कुलदीप भार्गव को, अभियांत्रिकी के क्षेत्र में श्रीकान्त वैशंपायन को, ज्योतिष के क्षेत्र में शिवेंद्रचंद्र द्विवेदी को, उद्योग एवं व्यवसाय के क्षेत्र में मुकेश रांका को तथा खगोलशास्त्र के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने पर घनश्याम रत्नानी को सम्मान प्रदान किया.

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वेदव्यास सम्मान से नवाजा : मुख्यमंत्री ने संस्कृति विभाग द्वारा स्थापित वेदव्यास सम्मान वर्ष 2019-20 के लिये अंकुर एजुकेशन अल्टरनेटिव सोसायटी के प्रभात कुमार झा एवं सुशीला को प्रदान किया. वर्ष 2020-21 का वेदव्यास सम्मान आर.बालाशंकर नई दिल्ली, अमर शहीद चंद्रशेखर आजाद सम्मान वर्ष 2020-21 बालगोकुलम संस्था केरल के बाबूलाल एवं टी.शिवकुमार को प्रदान किया. मुख्यमंत्री ने कहा कि हम हर वर्ष अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार नया साल मनाते हैं. हम अपनी वर्ष प्रतिपदा एवं गुड़ी पड़वा एवं विक्रम संवत को भूल चुके थे. यह दर्द मुझे हमेशा रहता था कि हम प्राचीन इतिहास को भूलने लगे हैं. इसलिये मैंने तय किया कि हर वर्ष गुड़ी पड़वा एवं नव संवत्सर पर्व को पूरी परम्परा के साथ मनाया जाएगा.

उज्जैन गौरव दिवस पर भव्य समारोह के बीच रंगारंग आतिशबाजी

उज्जैन। उज्जैन गौरव दिवस पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के आते ही शिप्रा के घाटों पर भव्य एवं रंगारंग आतिशबाजी की गई. मुख्यमंत्री ने दीप प्रज्वलित कर गौरव दिवस के कार्यक्रम का शुभारम्भ किया. मुख्यमंत्री ने पांच गायकों शंकर महादेवन, अरजीत सिंह, शान, सोनू निगम एवं कैलाश खेर द्वारा गाये महाकाल के गीत को लॉन्च किया. पं.चन्दन गुरु ने स्वस्ति वाचन किया एवं विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक डॉ.श्रीराम तिवारी ने विक्रमादित्य शोधपीठ के कार्यों की विस्तार से जानकारी दी. सीएम शिवराज ने इस अवसर पर कहा कि सनातन नया वर्ष प्रारम्भ हो रहा है. इसी दिन 2005 से हमने विक्रमोत्सव मनाना शुरू किया था. आज ही के दिन अवन्तिका का गौरव दिवस मनाया जा रहा है.

उज्जैन की धार्मिक व सांस्कृतिक पहचान : सीएम ने कहा कि सृष्टि को आरम्भ हुए एक अरब 95 करोड़ 58 लाख 85 हजार 124 वर्ष हो गये हैं. उज्जैन का गौरव सबको गौरवान्वित करता है. उज्जैन की अपनी धार्मिक एवं सांस्कृतिक पहचान है, जो युगों से पल्लवित होती रही है. सृष्टि के आरम्भ से ही उज्जयिनी का अस्तित्व माना जाता है. युग बदलते गये और उज्जैन को कभी उज्जयिनी, अवन्तिका, कनकश्रृंगा आदि नामों से जाना जाता रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि गरुड़ पुराण में उज्जैन को सर्वश्रेष्ठ नगरी बताया गया है. वहीं अग्निपुराण में उज्जयिनी को मोक्षदा कहा गया है. पार्वती मां के कहने पर भगवान शिव ने उज्जयिनी नगरी बसाई थी. इसीलिये उज्जयिनी नगरी को विशाला भी कहते हैं.

कई लोगों को उज्जयिनी गौरव रत्न सम्मान: समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान देने वाले विख्यात लोगों को उज्जयिनी गौरव रत्न सम्मान प्रदान किया. सम्मान के तहत शाल एवं प्रशंसा पत्र प्रदान किए. मुख्यमंत्री ने चिकित्सा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने पर डॉ.सीएम पौराणिक को, शिक्षा के क्षेत्र में डॉ.रामराजेश मिश्र, साहित्य के क्षेत्र में शिव चौरसिया को, विधि के क्षेत्र में कुलदीप भार्गव को, अभियांत्रिकी के क्षेत्र में श्रीकान्त वैशंपायन को, ज्योतिष के क्षेत्र में शिवेंद्रचंद्र द्विवेदी को, उद्योग एवं व्यवसाय के क्षेत्र में मुकेश रांका को तथा खगोलशास्त्र के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने पर घनश्याम रत्नानी को सम्मान प्रदान किया.

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