उज्जैन। सावन-भाद्रपद महीने में भगवान महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने निकलते थे, वैसे ही महाकालेश्वर भगवान कार्तिक मास की पहली सवारी आज सोमवार को निकाली गई. भगवान महाकाल को चांदी की पालकी में विराजमान करने से पहले सभामंडप में शाम 04 बजे विधिवत पूजन-अर्चना की गई. इसके बाद राजसी ठाट-बाट के साथ यात्रा निकाली गई. वहीं, पुलिस की सशस्त्र बल की टुकड़ियों ने बाबा महाकाल को सलामी दी. यात्रा के दौरान बड़ी मात्रा में श्रद्धालु शामिल हुए. साथ ही इस दौरान भजन मंडली भी नजर आई.
बता दें, देश के 12 ज्योतिर्लिंगों से एक उज्जैन स्थित महाकालेश्वर मंदिर में सावन और भादो के महीने में बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल-चाल में निकलते हैं. इस तर्ज पर भगवान महाकाल कार्तिक महीने में भी अपनी प्रजा का हाल जानने निकलते हैं.
महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक संदीप कुमार ने बताया, भगवान श्री महाकालेश्वर श्री मनमहेश के रूप में अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले. श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी में पुलिस बैण्ड, घुड़सवार दल, सशस्त्र पुलिस बल के जवान आदि शामिल हुए. यात्रा महाकालेश्वर मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार कहारवाडी होते हुए निकाली गई. इसके बाद शहर के कई इलाकों से यात्रा गुजरी. इनमें रामघाट क्षिप्रातट पहुंची. वहां मां क्षिप्रा के जल से पूजा-अर्चना की गई.
इसके बाद भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से गणगौर दरवाजा, मोड की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए दोबारा से महाकाल मंदिर पहुंची.
इस मौके पर हर साल निकाली जाती है यात्रा: उज्जैन महाकालेश्वर भगवान अपनी प्रजा का हाल जानने चांदी की पालकी में सवार हुए. इस दौरान उन्होंने अपनी प्रजा का हाल जाना. इसी क्रम में परंपरानुसार श्री महाकालेश्वर भगवान की कार्तिक और अगहन(मार्गशीर्ष) महीने में निकलने वाली यात्रा आगे भी निकाली जाएगी. दूसरी सवारी 27 नवम्बर, तीसरी सवारी 04 दिसम्बर और शाही सवारी 11 दिसम्बर 2023 को निकाली जाएगी. हरिहर मिलन की सवारी रविवार 25 नवम्बर 2023 को निकाली जाएगी.