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किसान की मौत का मामलाः कांग्रेस ने पुलिस पर लगाए आरोप, घटना की हो मजिस्ट्रेट जांच - 8 अक्टूबर को किसान की मौत

उज्जैन जिला कांग्रेस कमेटी ने 8 अक्टूबर को किसान की मौत को लेकर पुलिस पर आरोप लगाए हैं और पूरी घटना की मजिस्ट्रेट जांच की मांग की है.

Farmer's death case
किसान की मौत का मामला
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Published : Oct 11, 2020, 8:09 PM IST

उज्जैन। जिला कांग्रेस कमेटी ने 8 अक्टूबर को किसान की मौत को लेकर पुलिस पर आरोप लगाए हैं और पूरी घटना की मजिस्ट्रेट जांच की मांग की है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रदेश में खुलेआम गुंडागर्दी और भय का वातावरण है, जिसको बीजेपी सरकार संभाल नहीं पा रही है, जिसके चलते पुलिस और प्रशासन से आम लोगों का विश्वास उठता जा रहा है.

दरअसल, 8 अक्टूबर को ग्राम मुंडला सुलेमान के रहने वाले किसान राहुल सिंह की मौत हो गई थी. राहुल अपने मित्र को छुड़वाने के लिए थाना नीलगंगा पहुंचा था, यहां पर उसने लॉकअप में बंद एक आरोपी को पीने के लिए पानी दे दिया था, जिसके बाद पास खड़े पुलिसकर्मी ने इस बात से नाराजगी जताते हुए राहुल की थाने में ही जमकर पिटाई कर दी. वहीं थाने से निकलने के बाद घर पहुंचने से पहले ही राहुल सिंह की मौत हो गई, जिसको लेकर राहुल के परिजनों ने नीलगंगा पुलिस पर किसान की मौत का जिम्मेदार ठहराया था.

इसी मामले को लेकर कांग्रेसी अब बीजेपी सरकार पर निशाना साध रही है और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पुलिस और प्रशासन पर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी से सरकार संभल नहीं रही है, पुलिस मनमानी पर उतारू है, किसानों के साथ मारपीट कर रही है. कोरोना वायरस के चलते वैसे ही धंधे में मंदी है, इसके बावजूद भी आम लोगों से सूदखोर डरा धमकाकर पैसे ले रहे हैं.

कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने आठ अक्टूबर को किसान की मौत पर सवाल उठाते हुए सरकार से मांग की है कि किसान के परिवार को एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होव साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ये भी कहा कि पूरे घटनाक्रम की मजिस्ट्रेट जांच होनी चाहिए.

उज्जैन। जिला कांग्रेस कमेटी ने 8 अक्टूबर को किसान की मौत को लेकर पुलिस पर आरोप लगाए हैं और पूरी घटना की मजिस्ट्रेट जांच की मांग की है. कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि प्रदेश में खुलेआम गुंडागर्दी और भय का वातावरण है, जिसको बीजेपी सरकार संभाल नहीं पा रही है, जिसके चलते पुलिस और प्रशासन से आम लोगों का विश्वास उठता जा रहा है.

दरअसल, 8 अक्टूबर को ग्राम मुंडला सुलेमान के रहने वाले किसान राहुल सिंह की मौत हो गई थी. राहुल अपने मित्र को छुड़वाने के लिए थाना नीलगंगा पहुंचा था, यहां पर उसने लॉकअप में बंद एक आरोपी को पीने के लिए पानी दे दिया था, जिसके बाद पास खड़े पुलिसकर्मी ने इस बात से नाराजगी जताते हुए राहुल की थाने में ही जमकर पिटाई कर दी. वहीं थाने से निकलने के बाद घर पहुंचने से पहले ही राहुल सिंह की मौत हो गई, जिसको लेकर राहुल के परिजनों ने नीलगंगा पुलिस पर किसान की मौत का जिम्मेदार ठहराया था.

इसी मामले को लेकर कांग्रेसी अब बीजेपी सरकार पर निशाना साध रही है और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए पुलिस और प्रशासन पर आरोप लगाए हैं. कांग्रेस ने कहा कि प्रदेश में बीजेपी से सरकार संभल नहीं रही है, पुलिस मनमानी पर उतारू है, किसानों के साथ मारपीट कर रही है. कोरोना वायरस के चलते वैसे ही धंधे में मंदी है, इसके बावजूद भी आम लोगों से सूदखोर डरा धमकाकर पैसे ले रहे हैं.

कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने आठ अक्टूबर को किसान की मौत पर सवाल उठाते हुए सरकार से मांग की है कि किसान के परिवार को एक करोड़ का मुआवजा दिया जाए और दोषी पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होव साथ ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने ये भी कहा कि पूरे घटनाक्रम की मजिस्ट्रेट जांच होनी चाहिए.

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