उज्जैन। चैत्र नवरात्री के अष्टमी पर उज्जैन के चौबीस खम्बा माता मंदिर पर नगर पूजा का आयोजन किया गया. महाआरती के दौरान निरंजनी अखाड़े के साधू संत शामिल हुए. यहां माता की पूजा राजा विक्रमादित्य करते थे, इसी परंपरा का निर्वहन आज साधू संतों ने किया और माता को मदिरा का भोग लगा कर पूजा अर्चना की.
अष्टमी पर्व पर उज्जैन के चौबीस खम्बा माता मंदिर में राजा विक्रमादित्य के समय से शुरू हुई इस परम्परा को आज भी उसी तरह से निर्वाहन किया जा रहा है. लगभग 17 किमी लम्बी इस महापूजा में अखाड़े के साधु संत और कई श्रद्धालु पैदल चलते हैं. यह यात्रा उज्जैन के प्रसिद्ध चौबीस खम्बा माता मंदिर से शुरू होकर शहर के 40 से अधिक माता मंदिर और भैरव मंदिर पर जाती है.
इस यात्रा की खास बात यह होती है कि एक घड़े में मदिरा को भरा जाता है, जिसमें नीचे छेद होता है जिससे पूरी यात्रा के दौरान मदिरा की धार बहाई जाती है जो टूटती नहीं है. हर बार महापूजा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होते हैं. कहा जाता है कि देवी के प्रकोप से पहले बहुत सी बिमारियां होती थी इसलिए नगरपूजा की जाती है.