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उज्जैन: महाशिवरात्रि पर इस बार बन रहा विशेष संयोग - उज्जैन की खबर

महाशिवरात्रि का त्योहार 11 मार्च को है. इस दिन भक्त भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं और मनोवांछित वरदान प्राप्त करते हैं.

Ujjain Mahakal Temple
उज्जैन महाकाल मंदिर
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Published : Mar 10, 2021, 7:31 PM IST

उज्जैन। महाशिवरात्रि भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा दिन माना जाता है. इस दिन भगवान भोलेनाथ के उपासक उनकी पूजा-अर्चना से मनोवांछित फलों की प्राप्ति कर सकते हैं. हालांकि, ये शिव पर्व इस साल और भी ज्यादा खास होने जा रहा है. महाशिवरात्री का पर्व 11 मार्च को है. ज्योतिषविदों के मुताबिक, 101 साल बाद इस साल त्योहार में विशेष संयोग बन रहा है. मान्यताओं के मुताबिक इस दिन विधि-विधान से पूजा-पाठ करने से भोले बाबा भक्तों के सारे कष्ट दूर करते हैं.

भक्तों को मनोवांछित फल मिलता है

उज्जैन महाकाल मंदिर के पुजारी महेश महाराज ने बताया कि महाशिवरात्रि का पर्व भगवान के विवाह उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है. महादेव आदि और अनादि देवता हैं. रात 12 से 4 बजे के बीच जो भी शिव की पूजा करता है, उन्हें सर्व सिद्धि प्राप्त होती है. भक्तों की सारी मनोकामना पूरी होती है. महाशिवरात्री में उपवास करने की मान्यता है. 24 घंटे शिव को जल धारा चढ़ाई जाती है. मान्यता है कि शिवजी पर दूध, बेलपत्र और भोग अर्पित करने से भक्तों को मनोवांछित फल मिलता है.

उज्जैन महाकाल मंदिर के महेश पुजारी

भव्य शिव बारात की तैयारियां पूर्ण, लाल बत्ती लगी बग्घी में सवार होंगे भोलेनाथ

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि महाशिवरात्रि के दिन शिवयोग, सिद्धियोग और घनिष्ठा नक्षत्र का संयोग आने से त्योहार का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है. इन शुभ संयोगों के बीच महाशिवरात्रि पर पूजा बेहद कल्याणकारी मानी जा रही है.

उज्जैन। महाशिवरात्रि भगवान शिव को प्रसन्न करने का सबसे अच्छा दिन माना जाता है. इस दिन भगवान भोलेनाथ के उपासक उनकी पूजा-अर्चना से मनोवांछित फलों की प्राप्ति कर सकते हैं. हालांकि, ये शिव पर्व इस साल और भी ज्यादा खास होने जा रहा है. महाशिवरात्री का पर्व 11 मार्च को है. ज्योतिषविदों के मुताबिक, 101 साल बाद इस साल त्योहार में विशेष संयोग बन रहा है. मान्यताओं के मुताबिक इस दिन विधि-विधान से पूजा-पाठ करने से भोले बाबा भक्तों के सारे कष्ट दूर करते हैं.

भक्तों को मनोवांछित फल मिलता है

उज्जैन महाकाल मंदिर के पुजारी महेश महाराज ने बताया कि महाशिवरात्रि का पर्व भगवान के विवाह उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है. महादेव आदि और अनादि देवता हैं. रात 12 से 4 बजे के बीच जो भी शिव की पूजा करता है, उन्हें सर्व सिद्धि प्राप्त होती है. भक्तों की सारी मनोकामना पूरी होती है. महाशिवरात्री में उपवास करने की मान्यता है. 24 घंटे शिव को जल धारा चढ़ाई जाती है. मान्यता है कि शिवजी पर दूध, बेलपत्र और भोग अर्पित करने से भक्तों को मनोवांछित फल मिलता है.

उज्जैन महाकाल मंदिर के महेश पुजारी

भव्य शिव बारात की तैयारियां पूर्ण, लाल बत्ती लगी बग्घी में सवार होंगे भोलेनाथ

ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि महाशिवरात्रि के दिन शिवयोग, सिद्धियोग और घनिष्ठा नक्षत्र का संयोग आने से त्योहार का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है. इन शुभ संयोगों के बीच महाशिवरात्रि पर पूजा बेहद कल्याणकारी मानी जा रही है.

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