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महाशिवरात्रि के दूसरे दिन बाबा महाकाल की भस्म आरती, सेहरा बांधकर बाबा महाकाल बने दूल्हा - बाबा महाकाल बने दूल्हा

उज्जैन में महाशिवरात्रि के दूसरे दिन बाबा महाकाल की साल में एक बार दोपहर में होने वाली भस्मार्ती की गई और जिसके बाद सेहरा बांधकर बाबा महाकाल का दूल्हे की तरह श्रृंगार किया गया.

The second day of Maha Shivaratri was celebrated in the afternoon of Baba Mahakal
महाशिवरात्रि के दूसरे दिन बाबा महाकाल की भस्म आरती
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Published : Feb 22, 2020, 5:44 PM IST

Updated : Feb 22, 2020, 7:12 PM IST

उज्जैन। महाशिवरात्रि के दूसरे दिन आज बाबा की साल में एक बार दोपहर में होने वाली भस्म आपती की गई. भस्म आरती के पहले सुबह गन्ने का रस, अनार का रस, शहद, दूध, दही, पंचामृत से बाबा महाकाल को स्नान कराया गया. इसके बाद सवा मन फूलों का सेहरा बांधकर उन्हें दूल्हा बनाया गया और इसके साथ बाबा के सेहरे पर सोने का त्रिपुर्ण भी धारण कराया गया.

महाशिवरात्रि के दूसरे दिन बाबा महाकाल की भस्म आरती

सुबह से बाबा को सेहरा बांध कर दूल्हे स्वरूप में सजाया गया, इसके बाद दोपहर 12 बजे पंडित और पुजारियों के द्वारा सेहरा उतारा गया. सेहरा उतारने के बाद बाबा पुनः अपने निराकार स्वरूप में आ गए. इसके बाद भस्म आरती की तैयारियां शुरू हुई और बाबा को भस्म रमाकर भस्म आरती की गई.

बता दें की उज्जैन में महाशिवरात्रि पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है. महाशिवरात्रि पर्व के चलते भक्तों में अपार उत्साह देखने को मिला. इस मौके पर करीब 2 लाख भक्तों ने महादेव के दर्शन किए और देश-विदेश से भक्त बाबा के दर्शन करने पहुंचे. महाकाल में अधिक संख्या में भक्तों के आने की संभावना के चलते प्रशासन ने भी विशेष व्यवस्था की थी, जिसके तहत आम दर्शनार्थियों को 2 घंटे में बाबा दर्शन मिल सकें. महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में शहरभर में जगह-जगह खिचड़ी का वितरण और धार्मिक आयोजन किए गए.

उज्जैन। महाशिवरात्रि के दूसरे दिन आज बाबा की साल में एक बार दोपहर में होने वाली भस्म आपती की गई. भस्म आरती के पहले सुबह गन्ने का रस, अनार का रस, शहद, दूध, दही, पंचामृत से बाबा महाकाल को स्नान कराया गया. इसके बाद सवा मन फूलों का सेहरा बांधकर उन्हें दूल्हा बनाया गया और इसके साथ बाबा के सेहरे पर सोने का त्रिपुर्ण भी धारण कराया गया.

महाशिवरात्रि के दूसरे दिन बाबा महाकाल की भस्म आरती

सुबह से बाबा को सेहरा बांध कर दूल्हे स्वरूप में सजाया गया, इसके बाद दोपहर 12 बजे पंडित और पुजारियों के द्वारा सेहरा उतारा गया. सेहरा उतारने के बाद बाबा पुनः अपने निराकार स्वरूप में आ गए. इसके बाद भस्म आरती की तैयारियां शुरू हुई और बाबा को भस्म रमाकर भस्म आरती की गई.

बता दें की उज्जैन में महाशिवरात्रि पर्व को धूमधाम से मनाया जाता है. महाशिवरात्रि पर्व के चलते भक्तों में अपार उत्साह देखने को मिला. इस मौके पर करीब 2 लाख भक्तों ने महादेव के दर्शन किए और देश-विदेश से भक्त बाबा के दर्शन करने पहुंचे. महाकाल में अधिक संख्या में भक्तों के आने की संभावना के चलते प्रशासन ने भी विशेष व्यवस्था की थी, जिसके तहत आम दर्शनार्थियों को 2 घंटे में बाबा दर्शन मिल सकें. महाशिवरात्रि के उपलक्ष्य में शहरभर में जगह-जगह खिचड़ी का वितरण और धार्मिक आयोजन किए गए.

Last Updated : Feb 22, 2020, 7:12 PM IST
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