उज्जैन। प्रदेश में स्वास्थ्य कर्मियों की कमी के चलते कोविड मरीजों को इलाज नहीं मिल पाने की समस्या पहले से बनी हुई थी. अब उज्जैन के माधव नगर कोविड अस्पताल और चरक कोविड अस्पताल के अस्थायी कर्मियों की हड़ताल ने मरीजों के साथ साथ प्रशासन की मुसीबत बड़ा दी है. 50 से अधिक अस्थायी पैरा मेडिकल स्टाफ सहित आयुष विभाग, नर्सिंग स्टाफ सहित फार्मसी से जुड़े अस्थायी कर्मियों ने आज लामबंद होकर संविदा नियुक्ति की मांग को लेकर अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए. अपना अपना काम बंद कर दिया. जिसके कारण चरक और माधव नगर अस्पताल की स्वास्थ्य व्यवस्थाएं चरमरा गई. अस्थायी कर्मियों ने चरक अस्पताल में खड़े होकर जमकर नारेबाजी की.
संविदा में नियुक्ति करे
उज्जैन के चरक अस्पताल में अस्थायी सेवाएं दे रहे डॉ. कपिल सिंह ने बताया की हमारी मुख्य मांग है कि पैरा मेडिकल स्टाफ सहित आयुष विभाग, नर्सिंग स्टाफ सहित फार्मसी से जुड़े अस्थायी कर्मियों को सरकार संविदा नियुक्ति दे. सरकार चाहे तो हम ग्रामीण इलाको में भी काम करने को तैयार है. सरकार हमसे यूज एन्ड थ्रो की दर्ष्टि से काम करवा रही है. हमारे कुछ साथियों ने सितम्बर 2020 में ज्वॉइन किया. इसके बाद इन्हें जनवरी 2021 में हटा दिया. वहीं कुछ को मार्च में रखा गया. मार्च में कोविड के केस बढ़ने शुरू हुए तो फिर हमारी याद सरकार को आएगी. पैरा मेडिकल स्टाफ ने आरोप लगाया कि हम सभी ने सरकार के साथ पूरे कोविड काल में सारथि बनकर काम किया. हमरे कुछ साथी संक्रमित भी हुए लेकिन हमने काम जारी रखा. लेकिन अब एक बार फिर सरकार अस्थायी कर्मियों को निकाल रही है.
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दो महीने की नहीं मिली सैलरी
उज्जैन डॉ. कपिल सिंह, डॉ. सुख देव सहित नर्सिंग स्टाफ 50 से अधिक अस्थायी कर्मियों ने आज चरक अस्पताल में अपनी मांग को लेकर प्रदर्शन किया. वहीं आशा सिसोदिया ने बताया कि जब तक अस्थायी कर्मियों को संविदा का आदेश नहीं मिलता. तब तक काम बंद रखने का फैसला किया है. दो महीने से सेलरी नहीं मिली कुछ के छोटे बच्चे है इसके बावजूद भी कोविड में लगातार काम कर रहे हैं.