उज्जैन। तौकते तूफान के कारण तीन राज्यों में भारी नुकसान हुआ था, लेकिन सबसे बड़ी जन हानि मुंबई से करीब 100 किमी दूर तूफान के कारण हुए हादसे में कुछ खुशनसीब थे, जिनको नेवी ने बचा लिया. लेकिन कुछ लोगों की जान बचाई नहीं जा सकी. उनमे से उज्जैन के मैकेनिकल इंजीनियर अनंत कारपेंटर भी शामिल थे.
देर रात तक उज्जैन पहुंचेगा अनंत का शव
मृतक के छोटे भाई आशु पटेल ने बताया कि अनंत भारत सरकार की ईआयीएल (इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड) में मैकेनिकल इंजीनियर के पद पर बार्ज पी-305 जहाज में पदस्थ थे. परिवार को जानकारी अधिकारियों ने दी, उसके मुताबिक जब जहाज डूबने लगा तब कप्तान ने सभी को जहाज को छोड़ने का आदेश दिया, सभी समुद्र में कूद गए. जिसके बाद नौसेना का जहाज डूब रहे कर्मचारियों को बचाने पंहुचा, तब तक 49 लोगों में उज्जैन के अनंत की भी मौत हो चुकी थी. कई घंटों बाद अनंत का शव भी मिल गया. जिसके बाद उज्जैन में एमपीईबी में काम करने वाले अनंत के छोटे भाई आशु कारपेंटर को सूचित किया गया. अनंत की 7 साल की बेटी माला और पत्नी सहित छोटा भाई आशु मुंबई से अनंत का शव लेकर निकले है. बताया जा रहा है कि देर रात तक अनंत का शव उज्जैन पहुंच जाएगा.
बार्ज पी-305 के दो कर्मचारियों का आरोप, कैप्टन की वजह से जहाज डूबा
ये हुआ था उस रात
जहाज के कप्तान ने रात 11 बजे के आसपास आदेश दिया कि टीम के सभी साथी समुद्र में कूद गए, सभी साथी लाइफ जैकेट से समुद्र में कूद गए और दोनों हाथों को पकड़कर एक घेरा बना लिया. एक साथी अर्जुन तुरंत बेहोश हो गया और नीचे चला गया उसके कुछ घंटों के बाद अनंत ने कहा कि वह दर्द के कारण हाथ नहीं पकड़ सकता और वह सर्कल से अलग हो गया. लेकिन सौरब जैन अगली सुबह 11 बजे तक टीम से सतर्क थे, उन्हें बचाने के लिए कुछ जहाज आते हुए दिखाई दे रहे थे. दुर्भाग्य से वह भी तब गायब हो गया था.