उज्जैन। विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग बाबा महाकाल मंदिर में महाशिवरात्रि पर्व की शुरुआत 9 दिन पूर्व से हो गई है. जिसे शिव नवरात्र के रूप में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है. शिव नवरात्र के पहले दिन माता पार्वती बाबा महाकाल को चंदन के रूप में श्रृंगार कर वस्त्र उड़ाए जाते हैं. दूसरे दिन बाबा ने शेषनाग धारण किया था. तीसरे दिन बाबा जटाओं को खोलकर निराकार से साकार रूप में आए और घटाटोप के रूप में दर्शन दिए. साथी चौथे दिन शिव का छबिना के रूप में श्रृंगार किया गया कहते हैं किसी की भी पहचान उनके हंसते और मनमोहक रूप से की जाती है और बाबा का यह रूप उसी की पहचान है. हर रोज की तरह शिव पार्वती को कटरा, मेखला, दुपट्टा, मुकुट, मुंड माला, छत्र आदि भी अर्पित किए गए. रविवार को पांचवें दिन बाबा भक्तों को होल्कर के रूप में दर्शन देंगे.
महाशिवरात्रि से पहले महाकाल का अनूठा श्रृंगार
बाबा के छबिना रूप के बारे में जानिए
किसी भी व्यक्ति की पहचान अक्सर हम उसके मनमोहक रुक व चेहरे से करते हैं. बाबा महाकाल विवाह उत्सव के दौरान निराकार से साकार रूप में कल ही आए हैं. जिसके बाद दोबारा बाबा निराकार रूप विवाह के बाद धारण करेंगे. बाबा का निराकार रूप भक्तों का मनमोहक के लिए है और इसी रूप में माता पार्वती के परिजनों ने बाबा को अपने दामाद रूप में स्वीकार किया था.
रविवार को राजा के रुप में होंगे दर्शन
महाकाल मंदिर के पुजारी आशीष गुरु ने बताया कि चतुर्थ दिवस पर भगवान महाकाल ने छबिना रूप में भक्तों को दर्शन दिए हैं. महाकाल रविवार यानी पांचवें दिन राजा के रूप में दर्शन देंगे. भक्त बाबा के दर्शन के लिए लालायित हैं. बाबा के सामने हजारों लाखों श्रद्धालुओं की आस्था नतमस्तक है. बाबा कल ही निराकार से साकार रूप में आए हैं और बाबा दोबारा निराकार रूप महाशिवरात्रि के बाद धारण करेंगे. बाबा का आज का आनंदमय व मनमोहक रूप सब का मन मोह रहा है.