उज्जैन। सांवेर रोड स्तिथ शिप्रा नदी के त्रिवेणी घाट स्टॉप डेम के पास बने नए घाट के सामने 26 फरवरी से नदी में लगातार धमाके होने की सूचना मिलने से प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है. आसपास के रहवासियों की माने तो विगत 10 दिनों से नदी में से अचानक विस्फोट हो रहे हैं और पानी आग और धुआं उगल रहा है. ग्रामीणों ने इसका वीडियो भी बनाया है. इस बड़े घटना क्रम के बावजूद अभी तक किसी जिम्मेदार अधिकारी या शख्स ने मामले को गम्भीरता से नहीं लिया है. ना ही क्षेत्र में किसी तरह से आवागमन पर प्रतिबंध लगाया गया है. 13 मार्च को शनिचरी अमावस्या भी है जिसमें हजारों श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगाने घाट पर पहुंचते हैं.
प्रशासन ने दिए जांच के आदेश
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार प्रशानिक अमला यहां मुआयना कर चुका है और पानी का सैंपल लेकर टीम ने जांच के लिए लेबोरेटरी में भेज दिया है. साथ ही जियोलॉजिकल सर्वे की टीम को भी मेल कर दिया गया है. लेकिन सवाल यहां यह उठ रहे हैं कि इतनी बड़ी घटना के बावजूद एरिया में आवगमन पर प्रतिबंध क्यों नहीं लगाया गया? अगर इस मामले में प्रशासन गंभीर है तो कोई भी जिम्मेदार शख्स इसकी पूरी जानकारी सामने आकर देने से क्यों बच रहे हैं. लगातार हो रही इस घटना से आसपास के रहवासी दहशत में हैं.
आसपास के लोगों का कहना है कि ऐसे में प्रशासन की अनदेखी नुकसान दायक साबित हो सकती है. जिला प्रशासन को तत्काल अलर्ट कर आवागमन प्रतिबंध कर देना चाहिए.
शिप्रा में डुबकी से क्यों मिलता है स्वर्ग?
विस्फोट से सात फीट तक उछल रहा पानी
विस्फोट के बाद करीब 7 फीट तक उछल रहे पानी में आग औऱ धुंआ दोनों है. वीडियो में कैद हुआ नजारा करीब 1 मिनट था, जो डराने वाला था. आस-पास के ग्रामीणों में इससे काफी दहशत है, और प्रशासन के लिए भी अब ये एक बड़ी चुनौती बन कर समाने आया है. हालंकि जांचकर्ताओं के अनुसार दो कारण हो सकते हैं. संभावित भूमिगत पेट्रोलियम गैस भंडार से रिसाव होता है, तो हवा के संपर्क में आने पर वह ज्वलनशील हो जाता है. या ये पृथ्वी में होने वाले भूगर्भीय हलचल से भी हो सकती है. अभी इसकी संभावना कम है. जांचकर्ताओं का कहना है कि अभी कुछ नहीं कह सकते जियोलॉजिकल सर्वे की जांच के बाद स्थिति स्पष्ट होगी.