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इंसानों के साथ जानवरों की भी रक्षा कर रही Homeguard टीम, टापू पर फंसी गायों को बचाया

उज्जैन शहर में होमगार्ड जवानों ने हाल ही में दो रेस्क्यू ऑपरेशन (Resque Operation) कर गौवंश की जान बचाई, साथ ही एक मृत बच्चें के शव को नदी से बाहर निकाला.

Home Guard jawans saved the lives of cows
होमगार्ड जवानों ने बचाई गौवंश की जान
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Published : Jun 10, 2021, 2:56 PM IST

उज्जैन। बाढ़ और आपदा जैसी त्रासदी के समय आम नागरिकों के लिए जीवन रक्षक की भूमिका निभाने वाली होमगार्ड मूक जानवरों के लिए भी देवदूत के रूप में काम कर रहे है. ऐसे ही दो मामले शहर में सामने आए जिसमें न्यू त्रिवेणी पर पानी में डूबे हुए बच्चें का शव डीप डायविंग की मदद से चंद मिनटों में पानी से बाहर निकाला गया. तो वहीं प्री मॉनसून की बारिश के चलते त्रिवेणी शनि मंदिर स्थित शिप्रा नदी में जलस्तर बढ़ जाने के कारण टापू विचरण कर रहे गौवंश और बछड़े के फंसने की घटना सामने आई. जिसे तहसीलदार अनिरुद्ध मिश्रा द्वारा होमगार्ड कार्यालय में स्थित इओसी सेंटर पर गौवंश के फंसे होने की सूचना दी गई, इसके बाद टीम ने मौके पर पहुंचकर बछड़े को सही सलामत बाहर निकाला.

तहसीलदार ने दी थी सूचना

उज्जैन में आगामी दिनों में तेज बारिश की संभावना के चलते तहसीलदार ने गौवंश के फंसे होने की सूचना होमगार्ड टीम को दी. तेज बहाव के चलते गौवंश की जान को भी खतरा था और उसके बहने की संभावना थी. सूचना पर होमगार्ड और एसडीईआरएफ (SDERF) की संयुक्त टीम तत्काल त्रिवेणी स्थित टापू के लिए रवाना हुई. भारी मशक्कत और प्रयासों के बाद गौवंश के चार बछड़े और उनकी मां को सुरक्षित टापू से बाहर निकाल लिया गया.

नदी में उफान आने पर निर्माणाधीन पुल के पिलर पर फंसा मजदूर, देखिए रेस्क्यू का लाइव वीडियो

लापता बच्चे का शव निकाला बाहर

एसडीईआरएफ (SDERF) प्लाटून कमांडर शीला चौधरी को त्रिवेणी घाट (Triveni Ghat) पर एक बच्चे के डूबे होने की सूचना मिली थी. मौके पर पहुंची टीम ने कुछ ही मिनटों में बच्चे के शव को पानी से बाहर निकाल लिया. पुलिस कंट्रोल रूम से होमगार्ड कार्यालय स्थित सूचना दी गई थी कि एक बालक 8 जून से लापता है, उसकी साइकिल न्यू त्रिवेणी स्थित शिव मंदिर पर मिली है. आशंका के चलते क्षिप्रा नदी में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, जिसके कुछ मिनटों के बाद ही मृतक बालक के शव को नदी से निकाल लिया गया. मृतक होमगार्ड जवान का बेटा था.

निचली बस्तियों भर जाता है पानी

दोनों ही रेस्क्यू ऑपरेशन टीम एसडीईआरएफ (SDERF) प्लाटून कमांडर शीला चौधरी (SDERF Platoon Commander Sheela Chaudhary) की मौजूदगी में किए गए. जिला प्रशासन द्वारा मानसून के पहले उज्जैन के आसपास के इलाकों जो क्षिप्रा नदी (Shipra River) से लगे हुए हैं, वहां जल भराव की स्थिति बन जाती है. जिसके कारण कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

उज्जैन। बाढ़ और आपदा जैसी त्रासदी के समय आम नागरिकों के लिए जीवन रक्षक की भूमिका निभाने वाली होमगार्ड मूक जानवरों के लिए भी देवदूत के रूप में काम कर रहे है. ऐसे ही दो मामले शहर में सामने आए जिसमें न्यू त्रिवेणी पर पानी में डूबे हुए बच्चें का शव डीप डायविंग की मदद से चंद मिनटों में पानी से बाहर निकाला गया. तो वहीं प्री मॉनसून की बारिश के चलते त्रिवेणी शनि मंदिर स्थित शिप्रा नदी में जलस्तर बढ़ जाने के कारण टापू विचरण कर रहे गौवंश और बछड़े के फंसने की घटना सामने आई. जिसे तहसीलदार अनिरुद्ध मिश्रा द्वारा होमगार्ड कार्यालय में स्थित इओसी सेंटर पर गौवंश के फंसे होने की सूचना दी गई, इसके बाद टीम ने मौके पर पहुंचकर बछड़े को सही सलामत बाहर निकाला.

तहसीलदार ने दी थी सूचना

उज्जैन में आगामी दिनों में तेज बारिश की संभावना के चलते तहसीलदार ने गौवंश के फंसे होने की सूचना होमगार्ड टीम को दी. तेज बहाव के चलते गौवंश की जान को भी खतरा था और उसके बहने की संभावना थी. सूचना पर होमगार्ड और एसडीईआरएफ (SDERF) की संयुक्त टीम तत्काल त्रिवेणी स्थित टापू के लिए रवाना हुई. भारी मशक्कत और प्रयासों के बाद गौवंश के चार बछड़े और उनकी मां को सुरक्षित टापू से बाहर निकाल लिया गया.

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लापता बच्चे का शव निकाला बाहर

एसडीईआरएफ (SDERF) प्लाटून कमांडर शीला चौधरी को त्रिवेणी घाट (Triveni Ghat) पर एक बच्चे के डूबे होने की सूचना मिली थी. मौके पर पहुंची टीम ने कुछ ही मिनटों में बच्चे के शव को पानी से बाहर निकाल लिया. पुलिस कंट्रोल रूम से होमगार्ड कार्यालय स्थित सूचना दी गई थी कि एक बालक 8 जून से लापता है, उसकी साइकिल न्यू त्रिवेणी स्थित शिव मंदिर पर मिली है. आशंका के चलते क्षिप्रा नदी में रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया, जिसके कुछ मिनटों के बाद ही मृतक बालक के शव को नदी से निकाल लिया गया. मृतक होमगार्ड जवान का बेटा था.

निचली बस्तियों भर जाता है पानी

दोनों ही रेस्क्यू ऑपरेशन टीम एसडीईआरएफ (SDERF) प्लाटून कमांडर शीला चौधरी (SDERF Platoon Commander Sheela Chaudhary) की मौजूदगी में किए गए. जिला प्रशासन द्वारा मानसून के पहले उज्जैन के आसपास के इलाकों जो क्षिप्रा नदी (Shipra River) से लगे हुए हैं, वहां जल भराव की स्थिति बन जाती है. जिसके कारण कई लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है.

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