उज्जैन| बड़े-बड़े कड़ाहों से छनती बूंदी, तरह-तरह के पकवानों की तैयारी और कई क्विंटल राशन, ये तैयारी है महाकाल की नगरी में शिवरात्रि के बाद होने वाले शिव विवाह के रिसेप्शन की जिसमें भगवान को 56 भोग का प्रसाद चढ़ाया जाएगा.
महाकाल की नगरी में महाशिवरात्रि के बाद शिव-पार्वती विवाह के रिसेप्शन की परंपरा है. 18 मार्च को होने वाले इस रिसेप्शन की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. इसके लिए महाकाल के रिश्तेदारों को कार्ड भी भेज दिये गए हैं. महाकाल के आंगन रुद्रसागर में होने वाले इस रिसेप्शन में आम लोगों के साथ ही मंत्री-नेता, संत-महंत, वीआईपी भी शामिल होंगे.
रिसेप्शन से पहले बाबा महाकाल की बारात निकाली जाएगी, जिसमें भूत-प्रेत, देव-दानव, शिवगण और आम लोग शामिल होंगे. शिव विवाह के रिसेप्शन के कार्ड भी अनूठे हैं, जिनमें दर्शनाभिलाषी रिद्धि-सिद्धि, गणेश, कार्तिकेय हैं, जबकि स्वागतकर्ता 33 करोड़ देवता और नगरवासी हैं. इन सारी तैयारियों के बीच महाकाल की नगरी का हर बाशिंदा रिसेप्शन में शामिल होने के लिए उत्साहित है क्योंकि महाकाल का रिसेप्शन महज रिसेप्शन नहीं बल्कि पुण्य लाभ का जरिया भी है.