उज्जैन। एक दलित दूल्हे को घोड़े पर बैठकर गांव में बारात निकलना महंगा पड़ गया, गांव के सवर्णों ने दंबगाई दिखाते हुए दलितों का हुक्का पानी बंद कर दिया. सवर्ण यही नहीं थमे, उन्होंने गांव के अजा वर्ग के लोगों को कुएं से पानी भरने, आटा-चक्की पर अनाज नहीं पिसने आदि पर पांबंदी लगा दि है, साथ ही महिलाओं को जातिसूचक शब्दों से अपमानित भी किया जा रहा है.
दुले सिंह का कहना है कि पुलिस की अभिरक्षा में कब तक रहेंगे. उन्होंने पीने के पानी तक पर प्रतिबंध लगा दिया है और गांव में अनाज भी नहीं पीसा सकते हैं. दुकानों पर सामन भी लेना मुश्किल हो गया है. उनका कहना है कि हमारे समाज के लोग गांव छोड़ने को मजबूर हो गए है. ऐसे में यदि कार्रवाई नहीं हुई तो हमें उग्र आंदोलन करना पड़ेगा. हालांकि पुलिस प्रशासन ने गांव में सुरक्षा बैल तैनात किये है लेकिन प्रशासन ने गांव में कोई सुविधा उपलब्ध नहीं करवाई है.
गौरतलब है कि दो महीने पहले ही महिदपुर क्षेत्र में दलित की बरात निकालने को लेकर सवर्ण समाज के लोगों ने कई बार बारात पर हमला भी किया था. जहां दबंगों ने अजा वर्ग के दूल्हा बने मामा-भांजे को घोड़ी पर सवार नहीं होने का फरमान जारी कर दिया था. जिसके बाद दुल्हे के भाई ने पुलिस अधीक्षक सचिन अतुलकर से पूरे मामले से अवगत करवाया था. वहीं मामला संज्ञान में आते ही एसपी ने झारड़ा, राघवी एवं महिदपुर पुलिस थाना के बल को गांव भेज कर अजा वर्ग के दुल्हों को बकायदा घोड़ी पर बैठा कर उनकी वरनिकासी करवाई थी.