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पति चीन के अस्पताल में मौत से जूझ रहा है, पत्नी को नहीं मिल रहा वीजा

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Published : Aug 24, 2020, 5:07 PM IST

Updated : Aug 24, 2020, 6:09 PM IST

उज्जैन के नागदा के रहने वाले 68 वर्षीय बिंदू खान 10 साल से आदित्य बिड़ला उद्योग समूह की चीन में स्थित कृत्रिम फाइबर बनाने की इकाई में बतौर कलर्ड फाइबर एक्सपर्ट के रूप में कार्यरत हैं. एक हादसे के बाद वो चीन के एस अस्पताल में भर्ती हैं, परिवार के मुताबिक बिंदू कोमा में चले गए हैं. वहां उनकी देखभाल करने वाला परिवार का कोई सदस्य नहीं है. उनका परिवार चीन जाना चाहता है, लेकिन वीजा नहीं मिल पा रहा है.

Raisa Bi wants to go to China
चीन जाना चाहती है रईसा बी

उज्जैन। जरा सोचिए कि उस परिवार पर क्या गुजर रही होगी, जिनका कोई अपना अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा हो, बावजूद उसकी देखभाल के लिए उसके साथ कोई परिजन मौजूद न हो. परिवार के लोगों को बीते 110 दिनों से हर पल कचोटती ये बेबसी शब्दों में बयां करना मुश्किल है. नागदा के रहने वाले 68 वर्षीय बिंदु खान 10 साल से आदित्य बिड़ला उद्योग समूह की चीन में स्थित कृत्रिम फाइबर बनाने की इकाई में बतौर कलर्ड फाइबर एक्सपर्ट के रूप में कार्यरत हैं. हर साल वीजा रिन्यू कराने के लिए वे भारत आते हैं और तभी परिवार से मिल पाते हैं. फिलहाल वो चीन के अस्पताल में भर्ती हैं.

चीन जाना चाहती है रईसा बी

बीते 110 दिनों से वे चीन के जियानयांग शहर के पीपुल हॉस्पिटल में कोमा में है. उनकी ये हालत एक दुर्घटना में सिर में गंभीर चोट लगने के कारण है. ऑपरेशन के बाद भी उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है. नागदा में पत्नी रईसा बी, तीन बेटे फारुख, साजिद, यूसुफ रहते हैं. बिंदू खान के छोटे भाई फारुख ने बताया कि, उनके बड़े भाई की देखभाल के लिए दो बेटे चीन जाना चाहते हैं, लेकिन अस्पताल को कई बार मेल करने के बाद भी लेटर तक जारी नहीं किया जा रहा है, जिसके आधार पर वे चीन के वीजा के लिए अप्लाई कर सकें, हालांकि चीन जाने के लिए फ्लाइट ही नहीं है. चार्टर फ्लाइट भी लॉक है.

ग्रेसिम से सेवानिवृत्ति के बाद बुलाया था चीन

गौरतलब है कि, बिंदु खान 10 साल पहले नागदा स्थित ग्रेसिम उद्योग से रिटायर होने के बाद आदित्य बिड़ला समूह की चीन स्थित उद्योग प्रबंधन के जॉब ऑफर पर नौकरी के लिए गए थे. बिंदु के भाई फारुख के मुताबिक बड़े भाई कलर्ड फाइबर बनाने के एक्सपर्ट हैं. परिवार के लोगों द्वारा मना करने के बाद भी वे सेवा देने के लिए चीन चले गए. वैसे वो अक्सर हर साल परिवार से मिलने आते थे, उनका परिवाद बस यहीं दुआं कर रहा है कि वे जल्द स्वस्थ हो जाए और अपने वतन वापस लौट आएं.

उज्जैन। जरा सोचिए कि उस परिवार पर क्या गुजर रही होगी, जिनका कोई अपना अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहा हो, बावजूद उसकी देखभाल के लिए उसके साथ कोई परिजन मौजूद न हो. परिवार के लोगों को बीते 110 दिनों से हर पल कचोटती ये बेबसी शब्दों में बयां करना मुश्किल है. नागदा के रहने वाले 68 वर्षीय बिंदु खान 10 साल से आदित्य बिड़ला उद्योग समूह की चीन में स्थित कृत्रिम फाइबर बनाने की इकाई में बतौर कलर्ड फाइबर एक्सपर्ट के रूप में कार्यरत हैं. हर साल वीजा रिन्यू कराने के लिए वे भारत आते हैं और तभी परिवार से मिल पाते हैं. फिलहाल वो चीन के अस्पताल में भर्ती हैं.

चीन जाना चाहती है रईसा बी

बीते 110 दिनों से वे चीन के जियानयांग शहर के पीपुल हॉस्पिटल में कोमा में है. उनकी ये हालत एक दुर्घटना में सिर में गंभीर चोट लगने के कारण है. ऑपरेशन के बाद भी उनकी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है. नागदा में पत्नी रईसा बी, तीन बेटे फारुख, साजिद, यूसुफ रहते हैं. बिंदू खान के छोटे भाई फारुख ने बताया कि, उनके बड़े भाई की देखभाल के लिए दो बेटे चीन जाना चाहते हैं, लेकिन अस्पताल को कई बार मेल करने के बाद भी लेटर तक जारी नहीं किया जा रहा है, जिसके आधार पर वे चीन के वीजा के लिए अप्लाई कर सकें, हालांकि चीन जाने के लिए फ्लाइट ही नहीं है. चार्टर फ्लाइट भी लॉक है.

ग्रेसिम से सेवानिवृत्ति के बाद बुलाया था चीन

गौरतलब है कि, बिंदु खान 10 साल पहले नागदा स्थित ग्रेसिम उद्योग से रिटायर होने के बाद आदित्य बिड़ला समूह की चीन स्थित उद्योग प्रबंधन के जॉब ऑफर पर नौकरी के लिए गए थे. बिंदु के भाई फारुख के मुताबिक बड़े भाई कलर्ड फाइबर बनाने के एक्सपर्ट हैं. परिवार के लोगों द्वारा मना करने के बाद भी वे सेवा देने के लिए चीन चले गए. वैसे वो अक्सर हर साल परिवार से मिलने आते थे, उनका परिवाद बस यहीं दुआं कर रहा है कि वे जल्द स्वस्थ हो जाए और अपने वतन वापस लौट आएं.

Last Updated : Aug 24, 2020, 6:09 PM IST
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