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पुत्रदा एकादशी में कर लें बस ये काम, संतान प्राप्ति का मिलेगा आशीर्वाद, पूरी होगी हर मुराद - भगवान विष्णु की पूजा

Shravana Putrada Ekadashi 2024: हिंदू धर्म में पुत्रदा एकादशी का बहुत ही महत्व है. इस साल 21 जनवरी रविवार को पुत्रदा एकादशी पड़ रही है. इस दिन व्रत रखने से संतान सुख प्राप्त होता है. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री से जानते हैं एकादशी का सही समय, मुहूर्त, विधि विधान का तरीका और व्रत से होने वाले लाभ-

Shravana Putrada Ekadashi 2024
पुत्रदा एकादशी 2024
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 17, 2024, 2:02 PM IST

Updated : Jan 17, 2024, 2:11 PM IST

Putrada Ekadashi Shubh Muhurt: एकादशी एक ऐसा दिन है जो बहुत ही पुण्य दिन माना जाता है. और इस दिन व्रत करने का भी विधान है. पौष माह के शुक्ल पक्ष को जो एकादशी आती है वो बहुत ही विशेष एकादशी मानी जाती है. इस दिन ज्यादातर लोग उपवास करते हैं, पूजा पाठ करते हैं. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि ''पौष माह के शुक्ल पक्ष की जो एकादशी होती है उसे पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है जो की बहुत ही विशेष एकादशी मानी गई है.''

भगवान विष्णु करते हैं संतान की रक्षा

ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि पुत्रदा एकादशी का बहुत महत्व होता है. नाम के अनुरूप ही इसका फल भी होता है. पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा पाठ करने से संकट के समय आपके बच्चों की रक्षा खुद भगवान विष्णु करते हैं. संतान की प्राप्ति के लिए भी पुत्रदा एकादशी का व्रत बहुत अहम माना गया है. Santan Sukh ke liye kya kare

कब है पुत्रदा एकादशी?

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि ''पुत्रदा एकादशी इस बार 21 जनवरी रविवार के दिन पड़ रही है. पुत्रदा एकादशी साल में दो बार आती है. एक पौष माह के शुक्ल पक्ष को जो कि अभी 21 जनवरी को ही है. और दूसरा सावन के महीने में पड़ता है. यह दोनों ही व्रत संतान को लेकर बहुत अहम व्रत माने जाते हैं. पुत्रदा एकादशी पौष माह के शुक्ल पक्ष को जो एकादशी पड़ रही है उसके लिए शुभ समय 20 जनवरी को शाम 6:26 से शुरू हो जाएगा और अगले दिन 21 जनवरी को रात 7:26 पर खत्म होगी. क्योंकि उदया तिथि मान्य होता है, इसलिए पुत्रदा एकादशी का व्रत इस बार 21 जनवरी को रखा जाएगा.''

व्रत से पहले रखें इन बातों का ख्याल

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि ''पुत्रदा एकादशी का बहुत महत्व है. पौष माह के शुक्ल पक्ष के दिन पड़ने वाले इस पुत्रदा एकादशी के व्रत को रखने से पहले कोशिश करें कि एक दिन पहले बहुत ही सात्विक भोजन करें. एकादशी के व्रत वाले दिन बहुत ही संयमित होकर रहें, मन को शांत रखें, किसी से विवाद ना करें, क्लेश न करें, दिनभर भगवान की भक्ति में लगे रहें. भगवान को याद करने में समय गुजारें. परोपकार करने में मन लगाएं, लोगों की मदद करने में मन लगाएं."

ऐसे करें पूजा

ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि ''पुत्रदा एकादशी के दिन सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें, व्रत करने का संकल्प करें, और भगवान विष्णु की पूजा करें. इसके लिए गंगाजल लें, तुलसी का दल तोड़ कर रख लें, तिल रखें, फूल रखें, पंचामृत बना लें, प्रसाद रख लें और भगवान की पूजा करें और फिर इसके बाद जब व्रत के दिन संध्याकाल का समय आए तो कोशिश करें कि दीपदान करें. तुलसी के पास दीपक जरूर जलाएं और फिर व्रत के अगले दिन एक बार फिर से भोर में जाकर स्नान करें. फिर एक बार श्री हरि की पूजा करें, और फिर इसके बाद जरूरतमंद व्यक्ति, गरीब या गरीब ब्राह्मण हो उसे उचित दान दक्षिणा दें. जितना संभव हो सके उतना दान करें और उसके बाद फिर व्रत का पारण करें.''

Also Read:

जानिए पुत्रदा एकादशी के फायदे

ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि ''शास्त्रों में ऐसा उल्लेख है कि पुत्रदा एकादशी के दिन व्रत करने से फायदे ही फायदे होते हैं. घर में सुख समृद्धि आती है, सुख सौभाग्यता बना रहता है. साथ ही जैसा कि नाम से ही वर्णित है पुत्रदा एकादशी यह आपके संतान के लिए व्रत होता है. संतान की रक्षा खुद भगवान विष्णु करते हैं, साथ ही जिसको संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है उसके लिए भी लोग पुत्रदा एकादशी का व्रत करते हैं. साथ ही संतान की प्राप्ति के लिए इस एकादशी के व्रत को बहुत ही अहम माना गया है. अगर विधि विधान से व्रत किया जाए, पूजा पाठ की जाए, भगवान विष्णु की सेवा की जाए तो ऐसा माना जाता है की संतान की प्राप्ति होती है.

Putrada Ekadashi Shubh Muhurt: एकादशी एक ऐसा दिन है जो बहुत ही पुण्य दिन माना जाता है. और इस दिन व्रत करने का भी विधान है. पौष माह के शुक्ल पक्ष को जो एकादशी आती है वो बहुत ही विशेष एकादशी मानी जाती है. इस दिन ज्यादातर लोग उपवास करते हैं, पूजा पाठ करते हैं. ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि ''पौष माह के शुक्ल पक्ष की जो एकादशी होती है उसे पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है जो की बहुत ही विशेष एकादशी मानी गई है.''

भगवान विष्णु करते हैं संतान की रक्षा

ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि पुत्रदा एकादशी का बहुत महत्व होता है. नाम के अनुरूप ही इसका फल भी होता है. पुत्रदा एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा पाठ करने से संकट के समय आपके बच्चों की रक्षा खुद भगवान विष्णु करते हैं. संतान की प्राप्ति के लिए भी पुत्रदा एकादशी का व्रत बहुत अहम माना गया है. Santan Sukh ke liye kya kare

कब है पुत्रदा एकादशी?

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि ''पुत्रदा एकादशी इस बार 21 जनवरी रविवार के दिन पड़ रही है. पुत्रदा एकादशी साल में दो बार आती है. एक पौष माह के शुक्ल पक्ष को जो कि अभी 21 जनवरी को ही है. और दूसरा सावन के महीने में पड़ता है. यह दोनों ही व्रत संतान को लेकर बहुत अहम व्रत माने जाते हैं. पुत्रदा एकादशी पौष माह के शुक्ल पक्ष को जो एकादशी पड़ रही है उसके लिए शुभ समय 20 जनवरी को शाम 6:26 से शुरू हो जाएगा और अगले दिन 21 जनवरी को रात 7:26 पर खत्म होगी. क्योंकि उदया तिथि मान्य होता है, इसलिए पुत्रदा एकादशी का व्रत इस बार 21 जनवरी को रखा जाएगा.''

व्रत से पहले रखें इन बातों का ख्याल

ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि ''पुत्रदा एकादशी का बहुत महत्व है. पौष माह के शुक्ल पक्ष के दिन पड़ने वाले इस पुत्रदा एकादशी के व्रत को रखने से पहले कोशिश करें कि एक दिन पहले बहुत ही सात्विक भोजन करें. एकादशी के व्रत वाले दिन बहुत ही संयमित होकर रहें, मन को शांत रखें, किसी से विवाद ना करें, क्लेश न करें, दिनभर भगवान की भक्ति में लगे रहें. भगवान को याद करने में समय गुजारें. परोपकार करने में मन लगाएं, लोगों की मदद करने में मन लगाएं."

ऐसे करें पूजा

ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि ''पुत्रदा एकादशी के दिन सुबह उठकर सबसे पहले स्नान करें, व्रत करने का संकल्प करें, और भगवान विष्णु की पूजा करें. इसके लिए गंगाजल लें, तुलसी का दल तोड़ कर रख लें, तिल रखें, फूल रखें, पंचामृत बना लें, प्रसाद रख लें और भगवान की पूजा करें और फिर इसके बाद जब व्रत के दिन संध्याकाल का समय आए तो कोशिश करें कि दीपदान करें. तुलसी के पास दीपक जरूर जलाएं और फिर व्रत के अगले दिन एक बार फिर से भोर में जाकर स्नान करें. फिर एक बार श्री हरि की पूजा करें, और फिर इसके बाद जरूरतमंद व्यक्ति, गरीब या गरीब ब्राह्मण हो उसे उचित दान दक्षिणा दें. जितना संभव हो सके उतना दान करें और उसके बाद फिर व्रत का पारण करें.''

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जानिए पुत्रदा एकादशी के फायदे

ज्योतिष आचार्य कहते हैं कि ''शास्त्रों में ऐसा उल्लेख है कि पुत्रदा एकादशी के दिन व्रत करने से फायदे ही फायदे होते हैं. घर में सुख समृद्धि आती है, सुख सौभाग्यता बना रहता है. साथ ही जैसा कि नाम से ही वर्णित है पुत्रदा एकादशी यह आपके संतान के लिए व्रत होता है. संतान की रक्षा खुद भगवान विष्णु करते हैं, साथ ही जिसको संतान की प्राप्ति नहीं हो रही है उसके लिए भी लोग पुत्रदा एकादशी का व्रत करते हैं. साथ ही संतान की प्राप्ति के लिए इस एकादशी के व्रत को बहुत ही अहम माना गया है. अगर विधि विधान से व्रत किया जाए, पूजा पाठ की जाए, भगवान विष्णु की सेवा की जाए तो ऐसा माना जाता है की संतान की प्राप्ति होती है.

Last Updated : Jan 17, 2024, 2:11 PM IST
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