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लापरवाही की हद ! लिफ्ट में फंसी रहीं जिंदगियां, घंटों मशक्कत के बाद निकाला गया बाहर

उज्जैन के जिला अस्पताल में लिफ्ट खराब होने के चलते दो मरीज और उनके परिजन उसमें फंस गए. जिसके बाद लोगों ने डंडा और सरिया लाकर लिफ्ट को खोलने की कोशिश भी की और बड़ी मुश्किल के बाद उन्हें बाहर निकाला गया. वहीं मामल में कलेक्टर ने जांच के आदेश दिए हैं.

Patients stuck in lift
लिफ्ट में फंसे मरीज
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Published : Dec 6, 2020, 5:50 PM IST

Updated : Dec 6, 2020, 6:10 PM IST

उज्जैन। संभाग के सबसे बड़े और पुराने सरकारी अस्पतालों में शामिल उज्जैन का जिला चिकित्सालय आए दिन किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहता है. शनिवार को एक बार फिर जिला अस्पताल में घोर लापरवाही देखने को मिली. जहां जिला अस्पताल की एक लिफ्ट जिसमें 2 मरीज और उनके परिजन दूसरी मंजिल से ग्राउंड फ्लोर की ओर जा ही रहे थे, लिफ्ट अचानक रुक गई और बीच में फंस गई. लिफ्ट में फंसे मरीज और उनके परिजनों ने आवाज लगाकर आम लोगों से मदद मांगी. जिसके बाद जिला चिकित्सालय के कर्मचारी ने पहुंचकर मदद शुरू की.

लिफ्ट में फंसे मरीज

करीब 15 मिनट से अधिक समय तक मरीज और परिजन लिफ्ट में फंसे रहे. इस दौरान कुछ लोगों ने डंडा और सरिया लाकर लिफ्ट को खोलने की कोशिश भी की. लेकिन बड़ी मुश्किल से कुछ लोगों ने मिलकर लिफ्ट के दरवाजे को खोला और मरीज और परिजनों को बाहर निकाला. लिफ्ट में फंसे मरीज और उनके परिजनों के साथ हुए घटनाक्रम में जिला चिकित्सालय में स्थित सीएमओ या अन्य कोई भी बड़ा अधिकारी सामने नहीं आया. लेकिन कलेक्टर आशीष सिंह ने मामले को संज्ञान में लिया और जांच के आदेश दिए हैं.

Patients were evacuated from the lift
मरीजों को लिफ्ट से निकाला गया बाहर

बता दें ये पहला मौका नहीं है, जब जिला अस्पताल की लिफ्ट खराब हुई हो और कोई मरीज फंसा हो. इतनी घटना बीत जाने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने लिफ्ट की कोई सुध नहीं ली. कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा है कि पूरा मामला मेरे संज्ञान में आया है. जिसकी हम जांच करवाएंगे और सुनिष्चित करेंगे कि इस तरह की घटना दोबारा ना हो. किस कारण से ऐसा हुआ है कौन जिम्मेदार था जांच के बाद कार्यवाई की जाएगी.

उज्जैन। संभाग के सबसे बड़े और पुराने सरकारी अस्पतालों में शामिल उज्जैन का जिला चिकित्सालय आए दिन किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहता है. शनिवार को एक बार फिर जिला अस्पताल में घोर लापरवाही देखने को मिली. जहां जिला अस्पताल की एक लिफ्ट जिसमें 2 मरीज और उनके परिजन दूसरी मंजिल से ग्राउंड फ्लोर की ओर जा ही रहे थे, लिफ्ट अचानक रुक गई और बीच में फंस गई. लिफ्ट में फंसे मरीज और उनके परिजनों ने आवाज लगाकर आम लोगों से मदद मांगी. जिसके बाद जिला चिकित्सालय के कर्मचारी ने पहुंचकर मदद शुरू की.

लिफ्ट में फंसे मरीज

करीब 15 मिनट से अधिक समय तक मरीज और परिजन लिफ्ट में फंसे रहे. इस दौरान कुछ लोगों ने डंडा और सरिया लाकर लिफ्ट को खोलने की कोशिश भी की. लेकिन बड़ी मुश्किल से कुछ लोगों ने मिलकर लिफ्ट के दरवाजे को खोला और मरीज और परिजनों को बाहर निकाला. लिफ्ट में फंसे मरीज और उनके परिजनों के साथ हुए घटनाक्रम में जिला चिकित्सालय में स्थित सीएमओ या अन्य कोई भी बड़ा अधिकारी सामने नहीं आया. लेकिन कलेक्टर आशीष सिंह ने मामले को संज्ञान में लिया और जांच के आदेश दिए हैं.

Patients were evacuated from the lift
मरीजों को लिफ्ट से निकाला गया बाहर

बता दें ये पहला मौका नहीं है, जब जिला अस्पताल की लिफ्ट खराब हुई हो और कोई मरीज फंसा हो. इतनी घटना बीत जाने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने लिफ्ट की कोई सुध नहीं ली. कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा है कि पूरा मामला मेरे संज्ञान में आया है. जिसकी हम जांच करवाएंगे और सुनिष्चित करेंगे कि इस तरह की घटना दोबारा ना हो. किस कारण से ऐसा हुआ है कौन जिम्मेदार था जांच के बाद कार्यवाई की जाएगी.

Last Updated : Dec 6, 2020, 6:10 PM IST
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