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उज्जैन जिला अस्पताल पहुंचे कलेक्टर, 4 डॉक्टरों का वेतन काटने और एक डॉक्टर को सस्पेंड करने के आदेश

उज्जैन जिला अस्पताल का निरीक्षण कर कलेक्टर ने अनियमितताएं करने वाले डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई की. किसी की एक माह की तो किसी की सात दिन की सैलरी काटने के आदेश दिए. एक महिला डॉक्टर को निलंबित करने के निर्देश भी कलेक्टर ने दिए. कलेक्टर की ताबड़तोड़ कार्रवाई से पूरे उज्जैन के स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया. वहीं, मरीजों ने इसे सही कदम करार दिया. गौरतलब है कि जिला अस्पताल में लगातार अनियमितताओं की शिकायतें कलेक्टर को मिल रही थीं. (Deduct salary of 4 doctors in Ujjain) (Suspend doctor of Ujjain district hospital)

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Published : Apr 28, 2022, 5:54 PM IST

उज्जैन। जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने गुरुवार को जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. उन्होंने ओपीडी, फार्मेसी सेक्शन, आर्थोपेडिक व साइकेट्रिस्ट सेक्शन की व्यवस्था को देखा. ऑर्थो में कई अनियमितताएं देखने को मिलीं. डॉक्टर नदारद थे, इसलिए जिलाधीश नाराज हो गए. कलेक्टर ने आर्थोपेडिक सेक्शन के इंचार्ज डॉ. महेश मरमट का 1 माह का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं. साथ ही गुरुवार के दिन की ड्यूटी वाले डॉ. अजय दंडोतिया के ओपीडी में नहीं मिलने पर उनकी विभागीय जांच के निर्देश देकर एक माह का वेतन काटने के लिए आदेश दिए हैं.

महिला चिकित्सक को सस्पेंड किया : जिलाधीश ने शिकायत की सूचना पर गर्भवती महिला को अनावश्यक निजी चिकित्सालय में रेफर करने के कारण महिला चिकित्सक डॉ. रेखा गोमे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. कई अनियमितताओं के चलते सिविल सर्जन डॉ. पीएन वर्मा, आरएमओ डॉ. जितेंद्र शर्मा सहित 3 अन्य कर्मचारियों का 7-7 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए. इसके साथ ही जिलाधीश ने इंटर्न, स्टाफ की अटेंडेंस व लिफ्ट को लेकर भी जानकारी साझा की और जरूरी दिशा निर्देश दिए.

एक महिला को तीन माह से दवा नहीं मिली : कलेक्टर जब अस्पताल का निरीक्षण कर रहे थे तब शहर की शांति नगर निवासी महिला कांताबाई ने पर्चा दिखाते हुए उन्हें बताया कि वे पिछले 3 महीने से दवाई के लिए भटक रही हैं.बाजार से हर रोज 250रु करीब की दवा लाकर खाना पड़ रही है. इस पर जिलाधीश ने दवाइयों कमी नहीं रहने देने के निर्देश दिए. साथ ही पर्चा देखने पर पता चला कि महिला को एक साइकेट्रिस्ट डॉक्टर द्वारा दवा लिखी गई थी. जिलाधीश ने मामले में तफ्तीश की तो पाया कि दवाई मंगवाने का किसी भी स्तर से प्रयास नहीं किया गयाय कलेक्टर ने इस लापरवाही पर तत्काल प्रभाव से फार्मेसी, स्टोर, परचेज सेक्शन देखने वाले शाखा प्रभारी रजत गांधी, विजय शर्मा और राघवेंद्र का 7 - 7 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि महिला को रेडक्रॉस से तुरंत दवा खरीद कर दी जाए.

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ओपीडी में डॉक्टरों को निर्देश : उज्जैन कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान पाया कि ओपीडी में आगे इंटर्न डॉक्टर्स को बैठाकर रेगुलर डॉक्टर साइड में बैठ कर आराम कर रहे हैं. मरीजों का उपचार इंटर्न डॉक्टर द्वारा किया जा रहा है. कलेक्टर ने नाराजगी जताते करते हुए सिविल सर्जन से कहा कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही ना हो और मरीजों का उपचार रेगुलर डॉक्टर ही करें. इंटर्न डॉक्टर को पीछे बिठाकर सिखाया जाए. बायोमैट्रिक मशीन व लिफ्ट लगाने के निर्देश भी कलेक्टर ने आरएमओ दिए. (Deduct salary of 4 doctors in Ujjain) (Suspend doctor of Ujjain district hospital)

उज्जैन। जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने गुरुवार को जिला अस्पताल का औचक निरीक्षण किया. उन्होंने ओपीडी, फार्मेसी सेक्शन, आर्थोपेडिक व साइकेट्रिस्ट सेक्शन की व्यवस्था को देखा. ऑर्थो में कई अनियमितताएं देखने को मिलीं. डॉक्टर नदारद थे, इसलिए जिलाधीश नाराज हो गए. कलेक्टर ने आर्थोपेडिक सेक्शन के इंचार्ज डॉ. महेश मरमट का 1 माह का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं. साथ ही गुरुवार के दिन की ड्यूटी वाले डॉ. अजय दंडोतिया के ओपीडी में नहीं मिलने पर उनकी विभागीय जांच के निर्देश देकर एक माह का वेतन काटने के लिए आदेश दिए हैं.

महिला चिकित्सक को सस्पेंड किया : जिलाधीश ने शिकायत की सूचना पर गर्भवती महिला को अनावश्यक निजी चिकित्सालय में रेफर करने के कारण महिला चिकित्सक डॉ. रेखा गोमे को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया. कई अनियमितताओं के चलते सिविल सर्जन डॉ. पीएन वर्मा, आरएमओ डॉ. जितेंद्र शर्मा सहित 3 अन्य कर्मचारियों का 7-7 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए. इसके साथ ही जिलाधीश ने इंटर्न, स्टाफ की अटेंडेंस व लिफ्ट को लेकर भी जानकारी साझा की और जरूरी दिशा निर्देश दिए.

एक महिला को तीन माह से दवा नहीं मिली : कलेक्टर जब अस्पताल का निरीक्षण कर रहे थे तब शहर की शांति नगर निवासी महिला कांताबाई ने पर्चा दिखाते हुए उन्हें बताया कि वे पिछले 3 महीने से दवाई के लिए भटक रही हैं.बाजार से हर रोज 250रु करीब की दवा लाकर खाना पड़ रही है. इस पर जिलाधीश ने दवाइयों कमी नहीं रहने देने के निर्देश दिए. साथ ही पर्चा देखने पर पता चला कि महिला को एक साइकेट्रिस्ट डॉक्टर द्वारा दवा लिखी गई थी. जिलाधीश ने मामले में तफ्तीश की तो पाया कि दवाई मंगवाने का किसी भी स्तर से प्रयास नहीं किया गयाय कलेक्टर ने इस लापरवाही पर तत्काल प्रभाव से फार्मेसी, स्टोर, परचेज सेक्शन देखने वाले शाखा प्रभारी रजत गांधी, विजय शर्मा और राघवेंद्र का 7 - 7 दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं. कलेक्टर ने सिविल सर्जन को निर्देश दिए कि महिला को रेडक्रॉस से तुरंत दवा खरीद कर दी जाए.

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ओपीडी में डॉक्टरों को निर्देश : उज्जैन कलेक्टर ने निरीक्षण के दौरान पाया कि ओपीडी में आगे इंटर्न डॉक्टर्स को बैठाकर रेगुलर डॉक्टर साइड में बैठ कर आराम कर रहे हैं. मरीजों का उपचार इंटर्न डॉक्टर द्वारा किया जा रहा है. कलेक्टर ने नाराजगी जताते करते हुए सिविल सर्जन से कहा कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही ना हो और मरीजों का उपचार रेगुलर डॉक्टर ही करें. इंटर्न डॉक्टर को पीछे बिठाकर सिखाया जाए. बायोमैट्रिक मशीन व लिफ्ट लगाने के निर्देश भी कलेक्टर ने आरएमओ दिए. (Deduct salary of 4 doctors in Ujjain) (Suspend doctor of Ujjain district hospital)

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