उज्जैन। महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के आस-पास 500 मीटर के दायरे में आने वाले तमाम मकान, दुकान और होटल को तोड़ने का आदेश हो गया है. मंदिर के विस्तारीकरण को लेकर शासन द्वारा योजना तैयार की गई है, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने भी मंजूरी दे दी है. लेकिन अब इसका विरोध शुरू हो गया है. गुरुवार को व्यापारी व रहवासी संघ ने हाथ में काले झंडे लिए शासन की योजना का विरोध करते हुए प्रदर्शन किया.
दरअसल, प्रदर्शन के दौरान व्यापारी और रहवासी संघ के सदस्यों ने काले झंडे दिखाकर चेतावनी देते हुए कहा कि महाकाल मंदिर विस्तारीकरण योजना जो शासन लाया है उसका यहां के रहवासी व होटल संचालक कर्मचारी विरोध करते हैं और चेतावनी देते हैं कि यह योजना यहीं खत्म नहीं हुई तो यहां के व्यापारी और रहवासी आने वाले दिनों में इसका पुरजोर विरोध कर आंदोलन करेंगे.
रहवासी व्यापारी संघ के भरत शंकर ने बताया कि यहां के कुछ रहवासी और व्यापारी पहले ही कर्ज में डूबे हुए हैं और यदि विस्तारीकरण का काम शुरु होता है तो वह आत्महत्या भी कर सकते हैं. भरत शंकर ने आग्रह करते हुए कहा कि कलेक्टर, जनप्रतिनिधि और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से निवेदन है कि यहां के काम को जल्द रुकवाए.
सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट का आदेश है कि महाकालेश्वर मंदिर स्मार्ट सिटी के अंतर्गत होने वाले काम महाकाल वन प्रोजेक्ट के तहत महाकाल मंदिर के आस-पास 500 मीटर के दायरे में अतिक्रमण को हटाना है और उस जगह को अधिग्रहण करना है. जिसको लेकर लगातार प्रशासन द्वारा कार्रवाई की जा रही है. जिसका अब पुरजोर विरोध होने लगा है. अब आगे यह देखना होगा कि इसी तरीके से विरोध प्रदर्शन चलता रहा तो महाकाल क्षेत्र के रहवासी आगे क्या कदम उठाते हैं.