उज्जैन। मंदिरों में साईं प्रतिमा का विवाद गर्माता जा रहा है. अब उज्जैन के आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर अतुलेशानंद सरस्वती ने कहा है कि मैं स्वरूपानंद सरस्वती जी का समर्थन करता हूं। इस लड़ाई में उनके साथ खड़ा हूं. एक मुस्लिम को सनातन मंदिरों में जगह नहीं दी जानी चाहिए.
फकीर की जगह मंदिर में क्यों : आह्वान अखाड़ा के संत महामंडलेश्वर व अखण्ड हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अतुलेशानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि जगत गुरु शंकराचार्य ने कहा है कि साईं चांद मिया हैं तो निश्चित रूप से वो चांद मिया हैं. किसी भी मस्जिद में रहने वाले फ़क़ीर को मंदिरों में जगह नहीं मिलना चाहिए. उनकी पूजा भगवान के साथ करना गलत है. हर मंदिर से उनकी प्रतिमा हटना चाहिए. मैं स्वामी अविमुक्तेश्वर महाराज का समर्थन करता हूं.
साईं प्रतिमा पर क्या है विवाद : दरअसल, पिछले दिनों छिंदवाड़ा पहुंचे द्विपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद नाराज हो गए थे. शहर के छोटी बाजार स्थित बड़ी माता मंदिर और श्रीराम मंदिर में दर्शन के दौरान साईं बाबा की प्रतिमा को देखकर वे नाराज हुए थे. उन्होंने इस बात को लेकर अपने शिष्य को जमकर फटकारा भी था. बता दें कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद पहले बड़ी माता मंदिर में पहुंचे, जहां उन्होंने गर्भ गृह में पहुंचकर माता रानी की पूजा अर्चना की थी. इस दौरान जैसे ही उनकी नजर दीवार पर लगे साईं बाबा के आर्टिफिशियल मंदिर पर पड़ी तो नाराज हो गए. पुजारी के रोकने पर भी यहां नहीं रुके थे. (Now Mahamandaleshwar of Aawan Akhara oppose Sai)
(Remov idols of Sai from temples)